पटना। आंतरिक सुरक्षा के मसले पर दिल्ली में
प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की ओर से बुलाए गए मुख्यमंत्रियों के
सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि उग्रवाद
प्रभावित सभी पंचायतों में प्रत्यर्पण एवं पुनर्वास कार्यक्रम चलाने के
लिए केंद्र सरकार बिहार को अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराये। मुख्यमंत्री ने
कहा कि बिहार में वामपंथी उग्रवाद नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि
उग्रवाद प्रभावित आठ जिलों के 65 पंचायतों में प्रत्यर्पण एवं पुनर्वास
नीति लागू की जा चुकी है। कल्याणकारी, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़क,
विद्यालय भवन व भूमि सुधार से संबंधित कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस तरह
के कार्यक्रम को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित सभी पंचायतों में लागू किए जाने
को ले अतिरिक्त राशि केंद्र उपलब्ध कराये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य
में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा सड़क निर्माण मद में
खर्च हुई राशि की केंद्र सरकार प्रतिपूर्ति करे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों
में सड़क निर्माण में केंद्र के उदासीन रवैये की चर्चा करते हुए
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 1674.4 किलोमीटर सड़क निर्माण से जुड़ी
90 योजनाओं की स्वीकृति का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है, पर अब
तक मात्र 18 योजनाओं को ही स्वीकृति मिल सकी है। बिहार की विधि-व्यवस्था
की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में प्रदेश में
उल्लेखनीय सुधार हुआ है। औसतन प्रतिवर्ष दस हजार अपराधियों को सजा हो रही
है। रिवर पुलिसिंग की आवश्यकता की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए
केंद्र विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था कराये। उन्होंने पुलिस आधुनिकीकरण
योजना के तहत शस्त्र, गोला, बारुद व यंत्रों की खरीद केंद्रीयकृत रूप से
किए जाने की मांग की।
पुलिस बलों व पुलिस स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की बात भी मुख्यमंत्री
ने कही। उन्होंने इस क्रम में 13 वें वित्त आयोग के माध्यम से अतिरिक्त
आवंटन की बात कही। केंद्रीय सुरक्षा बल के प्रशिक्षण केंद्र के संबंध में
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए राजगीर में राज्य सरकार ने काफी पहले जमीन
आवंटित किया है पर अभी तक प्रशिक्षण केंद्र आरंभ नहीं किया जा सका है। इसी
तरह से बिहार में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की कंपनियों की संख्या
बढ़ाये जाने का मामला अटका पड़ा है। बिहार को मात्र 23 कंपनियां दी गयी हैं
जबकि 70 कंपनियों की मांग का मामला काफी पहले से गृह मंत्रालय के पास पड़ा
है। जिलों में केंद्र ने अभी तक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की प्रतिनियुक्ति
नहीं की है। मुख्यमंत्री ने विधि-विज्ञान प्रयोगशालाओं के सुदृढ़ीकरण और
क्षेत्रीय स्तर पर इसकी स्थापना व प्रशिक्षण के लिए केंद्रीय सहायता की
मांग की।