श्रमिक हितों पर मंत्रालय के कड़े तेवर

देहरादून। राज्य में संगठित व असंगठित
क्षेत्र में काम करने वालों को सूचीबद्ध करने के लिए होमवर्क शुरू कर दिया
गया है। श्रम मंत्रालय यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि उत्तराखंड
में स्थापित उद्योगों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है
अथवा नहीं। श्रमिकों को स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिलाने तथा बंधुआ
मजदूरों को वास्तविक संख्या जानने के लिए भी मंत्रालय ने कदम उठाए हैं।

राज्य में संगठन व असंगठित क्षेत्र में कर्मचारियों व श्रमिकों की
अपडेट स्थिति जानने के लिए श्रम मंत्रालय ने नई कार्ययोजना पर पहल की है।
औद्योगिक विकास को गति मिलने के बाद उद्योगों में स्थानीय लोगों को 70
प्रतिशत रोजगार देने की नीति बनी, लेकिन इस नीति पर अमल को लेकर संशय बना
हुआ है। हालांकि लगातार यही कहा जा रहा है कि नीति के तहत ही स्थानीय
लोगों को रोजगार मिला है पर ऐसा धरातल पर नहीं होने के मामले भी सामने आए
हैं। भारतीय मजदूर संघ, इंटक व अन्य श्रमिक संगठनों ने लगातार यह विषय
उठाए हैं कि उद्योगों में स्थानीय लोगों को ठेके पर ही काम दिया जा रहा
है। श्रम कानूनों के पालन के मामले में गिनती के उद्योग ही खरे हैं, जबकि
अधिकतर उद्योगों का रवैया कामचलाऊ ही है।

श्रम संगठनों की शिकायत पर मंत्रालय ने उद्योगों में काम कर रहे लोगों
को चिन्हित करने की पहल की है ताकि यह पता चल सके कि स्थानीय लोगों को
वास्तव में उद्योगों में कितने प्रतिशत रोजगार मिला है। इस परिधि में बड़े,
मध्यम व लघु उद्योगों को शामिल किया गया है। असंगठित क्षेत्र में काम करने
वालों को चिन्हित करने के लिए अपर श्रमायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं। अब
विभिन्न निर्माण एजेंसियों के तहत पंजीकृत ठेकेदारों की सूची मंत्रालय ने
तलब की है, ताकि यह पता चल सके कि किस ठेकेदार के साथ कितने श्रमिक काम कर
रहे हैं। प्लेसमेंट सर्विस देने वालों की सूची भी तैयार की जा रही है।
इसके साथ ही बंधुआ मजदूरों के मामले में केंद्र को भेजी गई रिपोर्ट में
तथ्यों के गलत होने पर मंत्रालय ने कड़ा कदम उठाया है। श्रम मंत्री प्रकाश
पंत ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का
लाभ पहुंचाने के लिए ठोस योजना पर कार्य करने को कहा है। सामाजिक सुरक्षा
बोर्ड के गठन को भी जल्द अंतिम रूप दे दिया जाएगा। श्री पंत ने श्रमिक
हितों को लेकर श्रम संगठनों से फीड बैक प्राप्त की और विभाग के अफसरों को
एक प्रभावी कार्ययोजना पर अमल करने के निर्देश भी जारी किए हैं।

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