पटना सरकार के लाख प्रयास के बावजूद किसानों
को क्रेडिट कार्ड लेने में आजकल पसीना छूट जा रहा है। किसान बैंकों के
चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। बैंकर किसानों को
दौड़ाने के बाद भी क्रेडिट कार्ड देने को तैयार नहीं हैं। क्रेडिट कार्ड के
लिए भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र अनिवार्य है, जिसे प्राप्त करना किसानों के
लिए बहुत बड़ी समस्या है। क्रेडिट कार्ड के लिए एक तरफ किसान बैंकरों को
जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बैंकर किसानों को दोषी मान रहे
हैं।
पटना जिले के बिहटा निवासी गिरेन्द्र नारायण शर्मा पिछले तीन माह से
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ब्लाक से लेकर बैंक तक दौड़ रहे हैं। उनका कहना
है कि सभी आवश्यक कागजात देने के बावजूद बैंकर किसान क्रेडिट कार्ड जारी
करने में आनाकानी कर रहे हैं। श्री शर्मा का कहना है कि सबसे पहले तो
कर्मचारी एवं अंचलाधिकारी से भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र लेने में पसीना छूट
जाता है। इसके बावजूद भी किसान क्रेडिट कार्ड आपको मिल जाये, इसकी कोई
गारंटी नहीं है।
राज्य किसान आयोग के सलाहकार डा.आर.के.पी.सिन्हा का कहना है कि आयोग
में प्रतिदिन दर्जनों किसान क्रेडिट कार्ड न मिलने की शिकायत लेकर आ रहे
हैं। आयोग द्वारा भी लगातार प्रयास किया जा रहा है परन्तु उसका असर
बैंकरों पर नहीं दिखायी दे रहा है। अब तक राज्य में 31 लाख किसानों को
क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में 15 लाख केडिट
कार्ड जारी करने का लक्ष्य था लेकिन मात्र नौ लाख ही जारी हो सका। इस वर्ष
भी 15 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने का लक्ष्य है लेकिन इसकी गति
काफी धीमी है। क्रेडिट कार्ड जारी करने के मामले में बिहार देश में सबसे
निचले पायदान पर है। यहां औसतन मात्र तीस प्रतिशत किसानों को ही अब तक
क्रेडिट कार्ड प्राप्त हो पाया है।
किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए मुख्य रूप से भूमि स्वामित्व प्रमाण
पत्र की आवश्यकता होती है, जिसे कर्मचारी एवं अंचलाधिकारी द्वारा प्रमाणित
होना अनिवार्य है। अंचलाधिकारी द्वारा प्रमाणित होने पर ही बैंक किसान
क्रेडिट कार्ड जारी करता है।
क्रेडिट कार्ड किसानों के लिए वरदान है। किसान काफी मेहनत से अनाज पैदा
करते हैं लेकिन जब पैदावार खेत से घर में आती है तो अगली फसल लगाने के लिए
किसान अनाज बेचने को मजबूर होते हैं। ऐसे में किसानों के लिए क्रेडिट
कार्ड काफी सहायक होता है। क्रेडिट कार्ड होने पर किसान कम से कम 50 हजार
रुपये ऋण ले सकता है। अपनी आवश्यकता अनुसार बैंक से राशि निकाल कर अगली
फसल लगाता है और उचित मूल्य मिलने पर अपनी पैदावार बेचता है। किसान
क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा लाभ है कि गरीब किसान सूदखोरों के चंगुल में
जाने से बच जाते हैं।