संवाद सहयोगी, रामपुर बुशहर : नारकंडा से
जनजातीय जिले किन्नौर के चौरा तक रामपुर क्षेत्र में लोगों के गायब होने
के ज्यादा ही मामले सामने आ रहे हैं। गायब होने वाले लोगों में अधिकतर
हिमाचल से बाहर के हैं। इनमें गुम होने वाली महिलाओं में अधिकतर नेपाली
मूल की हैं।
पिछले साल गायब हुए 51 लोग
रामपुर थाना के तहत 2009 में 51 से भी ज्यादा गुमशुदगी के मामले दर्ज
किए गए हैं। पुलिस ने इनमें से 36 लोगों को तो ढ़ूंढ़ निकाला, लेकिन 15 का
कोई पता नहीं चल पाया है।
इस माह भी एक हुआ गायब
रामपुर तहसील की ज्यूणी तहसील से दो जनवरी से एक व्यक्ति लापता है,
लेकिन आज तक उसका सुराग नहीं लग पाया है। क्षेत्रवासियों ने इस व्यक्ति का
सुराग न लगाए जाने पर रामपुर व ब्रौ पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था,
लेकिन पुलिस की कार्रवाई मामला दर्ज करने तक ही सीमित रही है। इसके बाद 22
जनवरी को समस्त क्षेत्र को बंद कर आंदोलन भी किया था, लेकिन आज दिन तक
उक्त व्यक्ति का सुराग नहीं लग पाया है।
लापता होने के कारण : यहां से अधिकतर लोग प्रेम संबंध व मानसिक रूप से
परेशान होने के कारण घरों से गए थे। कई शादी कर घर लौट आए हैं, जबकि
मानसिक रूप से परेशान लोग क्षेत्र में ही घूमते मिले हैं।
पुलिस सक्रियता से जुटी है : नेगी
डीएसपी रामपुर सुनील नेगी का कहना है कि 2009 में नारकंडा से किन्नौर
जिले की सीमा तक गुमशुदगी के 51 मामले दर्ज किए हैं। इनमें 23 पुरुष व 28
महिलाएं हैं। पुलिस ने 18 पुरुष व 18 महिलाओं को ढूंढ़ निकाला है। उनका
कहना है कि गायब होने वाले लोगों में अधिकतर बाहरी राज्यों से हैं। इनमें
नेपाली मूल की महिलाओं की संख्या अधिक है। लापता लोगों की तलाश में पुलिस
सक्रियता से जुटी है व उनकी तलाश में पुलिस के जवान दूसरे राज्यों में भी
भेजे हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए जन सहयोग की भी जरूरत है और यदि
जनता पुलिस की मदद करे तो मामलों में काफी तेजी लाई जा सकती है। इसके
अलावा समाज के हर व्यक्ति को सचेत रहने की सख्त जरूरत है। यदि आम जनता
पुलिस का सहयोग करे तो हर किस्म के मामलों में अवश्य ही कमी आ सकती है।