गढ़वा में आदिम जनजातियों पर लाठीचार्ज

गढ़वा। सोमवार को अपराह्न चार बजे पूरा समाहरणालय परिसर तब रणक्षेत्र
में तब्दील हो गया, जब प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई।
सीआरपीएफ के जवानों ने प्रदर्शन कर रहे आदिम जनजाति के लोगों पर जमकर
लाठियां बरसाई। प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस पर पथराव किया। इस दौरान पूरे
परिसर में भगदड़ मच गई। गिरते-पड़ते लोग इधर-उधर भाग रहे थे और सीआरपीएफ के
जवान उन्हें खदेड़-खदेड़कर पीट रहे थे। घटना में कई महिलाएं व दुधमुहों को
भी चोट लगी। दोनों ओर से डीएसपी समेत पांच दर्जन लोग घायल हैं। इसमें कई
के सिर फूट गए हैं। घटना के विरोध में भाकपा माले ने मंगलवार को गढ़वा बंद
का आह्वान किया है।

उल्लेखनीय है कि 18 सूत्री मांगों को लेकर भारतीय आदिम जनजाति परिषद
के सदस्य सोमवार को उपायुक्त कार्यालय का घेराव कर रहे थे। अपराह्न करीब
साढ़े तीन बजे लोगों की भीड़ अचानक उग्र हो गई। लोग समाहरणालय का मेन गेट
तोड़ते हुए डीसी के चेम्बर के दरवाजे समेत विभिन्न कार्यालयों के दरवाजे पर
पैरों व डंडों से प्रहार करने लगे। जिससे जिला पुलिस के जवानों व घेराव कर
रहे लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई। मौके पर पहुंचे सीआरपीएफ के जवानों ने
जमकर डंडे बरसाए। बेलगाम जवानों ने घेराव कर रहे पुरुष व महिलाओं व
छोटे-छोटे बच्चों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। तीन दर्जन से अधिक आदोलनकारी घायल
हो गए। कवरेज के लिए पहुंचे मीडियाकर्मियों को भी सीआरपीएफ जवानों ने नहीं
बख्शा। वहीं उक्त घटना में मुख्यालय डीएसपी अवधेश कुमार सिंह समेत आधा
दर्जन पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। बाद में पुलिस ने मौके से दो
दर्जन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। घायल दो दर्जन परिषद के
कार्यकर्ताओं को सदर अस्पताल गढ़वा में भर्ती कराया गया जबकि डीएसपी समेत
चार घायल पुलिसकर्मियों का इलाज भी सदर अस्पताल में चल रहा है। इधर,
लाठीचार्ज के विरोध में सदर अस्पताल के सामने शाम करीब छह बजे से
गढ़वा-नगर उंटारी सड़क को आक्रोशित लोगों ने जाम कर दिया। शाम आठ बजे
समाचार लिखे जाने तक जाम लगा हुआ था

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