उल्लेखनीय कार्य के लिए छत्तीसगढ़ राज्य से बस्तर और रायपुर को राष्ट्रीय
स्तर पर अवार्ड के लिए चुना गया है।
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी आर संगीता ने बताया कि नरेगा
के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, उद्यानिकी और जल संसाधन विभाग के संवर्धन से
बेहतर उपलब्धि हासिल की गई है। पिछले तीन साल में नरेगा के माध्यम से
सिंचाई के रकबे में 3.02 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
वहीं 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की क्षमता में वृद्धि हुई
है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत जहां पहले 40 से 50 प्रतिशत पौधे रोपण
के बाद ही नष्ट हो जाते थे। इसमें भी नरेगा के कार्यो से सुधार हुआ है।
पौध-रोपणी की सुरक्षा के लिए ट्रेंच और नाली की शक्ल में गड्ढे खोदे गए
हैं जिससे पौधों की सुरक्षा हो रही है। अब तक राष्ट्रीय स्तर पर बस्तर की
पहचान नक्सलवाद के नाम होती रही है लेकिन नरेगा के माध्यम से एक अच्छा
संदेश गया है और नेशनल स्तर पर अब इसे नए रूप में भी पहचाना जाएगा।
सीईओ ने बताया कि नरेगा के पूरे र्किार्ड आन लाइन है। पहले स्टेट लेबल
पर प्रस्तुतिकरण में बस्तर को पहला स्थान मिला था। इसके साथ ही दूसरे क्रम
पर रायपुर और कवर्धा जिले का नंबर था। राष्ट्रीय स्तर पर 17 दिसंबर को
पैनल के सामने किए गए प्रस्तुतिकरण में देश भर के 24 जिलों में बस्तर और
रायपुर को अवार्ड के लिए चुना गया है। यह अवार्ड प्रधानमंत्री द्वारा नई
दिल्ली में दिया जाएगा।