नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो : राजधानी में
बेघरों पर एक बार फिर हाईकोर्ट का दिल पसीज गया है। जस्टिस बदर दुरेज अहमद
और जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ की बेंच ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से कहा
है कि बेघरों की बेहतरी के लिए दूरगामी योजना बनाएं। हाईकोर्ट का कहना है
कि सरकार नगर निगम के साथ मिलकर दिल्ली के मास्टर प्लान-2021 के मुताबिक
ऐसी योजना बनाए, जिस हिसाब से 140 रैन बसेरे तैयार किए जा सकें।
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव से कहा है कि विभिन्न विभागों
के उच्चाधिकारियों और इस संबंध में कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं
के प्रतिनिधियों को बुलाकर 4 फरवरी को एक मीटिंग करें। इसकी स्टेटस
रिपोर्ट 10 फरवरी को दाखिल करें। दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए स्थाई
अधिवक्ता नजमी वजीरी ने कोर्ट को बताया कि माकूल इंतजाम किए गए हैं।
बेघरों के लिए अस्थाई और स्थाई 78 रैन बसेरे शुरू किए गए हैं। कोर्ट ने
निर्देशित किया है कि अस्थाई रैन बसेरे 31 मार्च तक रहेंगे और उन्हें
हटाने से पहले अदालती आदेश लेना होगा। सरकार से कहा गया है कि सर्वे के
जरिए ये पता लगाएं कि कहां और कितने रैन बसेरों की जरूरत है।