लखनऊ। किसानों की आय दो गुनी करने की सरकार
की घोषणा को लेकर खुद कृषि महकमे के ही अधिकारी सवाल उठाने लगे हैं। उत्तर
प्रदेश राजपत्रित कृषि सेवा एसोसिएशन ने कहा है कि विभाग की रीढ़ समझे
जाने वाले द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित अधिकारियों का टोटा है। 703
स्वीकृत पदों में से महज 170 अधिकारी कार्यरत हैं और 533 पद रिक्त चल रहे
हैं। फील्ड में हालात बहुत खराब हैं। अधिकारियों की इतनी बड़ी कमी के कारण
खेती-किसानी की योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है।
एसोसिएशन ने सवाल उठाया है कि इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों और
कर्मचारियों के पदों की रिक्तता के चलते आखिर कैसे कसानों की आय दोगुनी हो
सकेगी?
21 और 22 जनवरी को होने वाले दो दिवसीय प्रांतीय महाधिवेशन के पूर्व
मंगलवार को यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. एसके
सिंह व संयोजक राम शब्द जैसवारा ने बताया कि प्राकृतिक संसाधनों के तहत
विशेष रूप से भूमि, जल और वनस्पतियों का संरक्षण और प्रबंधन ही एसोसिएशन
का मिशन है ताकि टिकाऊ खेती के माध्यम से सम्यक उत्पादन और उत्पादकता को
प्राप्त कर प्रदेश को खुशहाल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों की आय
दोगुनी करने से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के साथ ही एसोसिएशन इस
बार अधिकारियों के रिक्त पदों की अपनी मांगों को भी प्रमुखता से रखेगा।
कृषि विभाग के अधिकारी संवर्ग का कैडर रिव्यू किया जाना, विभाग को
तकनीकी विभाग घोषित कर इसके पुनर्गठन के परिप्रेक्ष्य में रिक्त पदों पर
अधिकारियों की पदोन्नति व पदों को भरा जाना मांगों में प्रमुख है।
एसोसिएशन का कहना है कि किसान हितों को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार
की अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं लेकिन सचिवालय में कृषि विभाग के
अधिकारी नहीं होने के कारण उनका सफल संचालन नहीं हो पा रहा है। इसके लिए
दो संयुक्त सचिव और एक विशेष सचिव के पद पर कृषि विभाग के अधिकारियों की
अविलंब तैनाती की मांग की जायेगी। मुख्य विकास अधिकारी और जिला विकास
अधिकारी के 25 प्रतिशत पदों पर भी एसोसिएशन ने कृषि विभाग के अधिकारियों
की नियुक्ति किये जाने की मांग भी महाधिवेशन में प्रमुखता से उठेगी।