लखनऊ। राहत का नामों निशान नहीं। ठंड को ढाल
बना मौत अपना खेल जारी रखे है। थरथरा देने वाली कड़ाके की ठंड का आलम यह
रहा कि पूर्व व मध्य उत्तार प्रदेश के विभिन्न जिलों में मंगलवार को नगरीय
जन जीवन प्रभावित रहा। इस दौरान बीते चौबीस घंटों में हुई 36 लोगों की मौत
ने प्रशासन की ‘अलाव व कम्बल वितरण’ व्यवस्था पर पूरी तरह प्रश्न चिह्न
खड़ा कर दिया है। हालांकि मंगलवार को कहीं-कहीं भगवान भास्कर के दर्शन जरूर
हुए लेकिन गलन में कोई कमी नहीं आयी है। पिछले 38 सालों में मंगलवार को
इलाहाबाद में दिन का तापमान सबसे कम रहा।
प्राप्त विवरण के मुताबिक बलिया में सर्वाधिक आठ लोग काल के गाल में
समा गये। चंदौली में छह तो भदोही में पांच लोगों की मौत हो गयी। गाजीपुर,
मीरजापुर और इलाहाबाद में चार-चार लोगों की, मऊ, जौनपुर और इटावा में
तीन-तीन तथा वाराणसी, देवरिया, महोबा और कानपुर देहात में दो-दो जबकि
आजमगढ़, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, उरई और कानपुर में एक-एक
व्यक्ति की ठंड के कारण मौत हो गयी।
वही दूसरी ओर मंगलवार को इलाहाबाद का उच्चतम पारा 9.8 तथा न्यूनतम 2.9
डिग्री सेल्सियस हो गया। दिन भर कोहरा और बादल छाए रहे। मौसम विभाग के
मुताबिक गंगा के मैदानी क्षेत्र में अभी चार-पांच दिन तक और ठंड का असर
रहेगा। 23 जनवरी के बाद ही मौसम खुलेगा और धूप खिलेगी। मौसम विज्ञानियों
का कहना है कि पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के चलते ही यहां ठंड का प्रभाव
ज्यादा हुआ है। वादियों से सीधे गंगा की घाटी से होते ही शीतलहरी यहां
पहुंच रही है। यही कारण है कि हाड़ कंपाने वाली ठंड का यहां ज्यादा असर हो
रहा है।