पश्चिमी दिल्ली, जागरण संवाददाता : बेतहासा
महंगाई वृद्धि होने के बाद क्षति नियंत्रण में जुटी सरकार के पास महंगाई
कम करने के लिए फिलहाल कोई नई तरकीब नहीं है। सरकार पुराने घोषित उपायों
से ही सुधार की आस लगाए बैठी है, इसलिए ‘वेट एंड वाच’ की बात कह रही है।
पूसा में आयोजित राष्ट्रीय बीज कांग्रेस को संबोधित करने के बाद केंद्रीय
कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि कुछ दिनों में चीनी की खुदरा कीमतों में
गिरावट होने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि एफसीआई अब खुले बाजार
में गेहूं व चावल बेचेगा।
उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं की कीमतें कम करने के लिए कई उपाय किए
गए हैं। फिलहाल सरकार नए विकल्प नहीं तलाश रही है। उम्मीद है कि महंगाई
नियंत्रण के लिए पहले जो कदम उठाए गए हैं, वही कारगर साबित होगा। इसके
संकेत भी मिलने शुरू हो गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कहना मुश्किल
है कि महंगाई कब तक कम हो जाएगी पर थोक बाजार में चीनी की कीमतों में
गिरावट आई है।
पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि थोक कीमतों में कितनी गिरावट आई
है, लोगों को अभी भी महंगी चीनी मिल रही है? कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा
कि थोक में चीनी का भाव 38 रुपये तक आ गया है। यह अक्सर देखा जाता है कि
थोक मूल्यों में गिरावट होने के बाद खुदरा मूल्यों में कमी आने में 14 से
15 दिन लग जाते हैं। इसलिए उम्मीद है कि आने वाले दिनों में चीनी की खुदरा
कीमतों में भी गिरावट आएगी। उन्होंने कहा कि निजी सेक्टर से भी कुछ
सकारात्मक संकेत मिले हैं। अच्छी खबर यह है कि पांच दिनों से प्राइवेट
सेक्टर भी चीनी की आयात के लिए दिलचस्पी दिखा रहा है। आटा व चावल में
महंगाई को देखते हुए सोमवार से ही एफसीआई गेहूं व चावल का बिक्री शुरू कर
दिया है। इसके अलावा राज्य सरकारों को भी महंगाई कम करने लिए अपने यहां
कदम उठाने पड़ेंगे। केंद्र सरकार उन्हें हर संभव मदद करेगी।