भोपाल। बाजार में शकर की कमी और ऊंची कीमतों से पैदा हालात से निपटने के
लिए अब पिछले महीनों में जब्त शकर का जल्द निदान करने का फैसला किया गया
है। इस संबंध में खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री पारस जैन ने त्वरित कार्रवाई
की जरूरत बताई है। इसके बाद बाजार में 24 हजार 400 क्विंटल शकर उपलब्ध
होगी। संबंधित जिला कलेक्टरों को इस आशय की सूचना भेज दी गई है और वहां
ऐसी शेष शकर छोड़ी जाने का काम शुरू हो गया है। प्रदेश में शकर की मासिक
खपत 12 लाख टन से ज्यादा है और अगर सार्वजनिक वितरण प्रणाली की शकर की बात
करें तो इसकी मासिक जरूरत सवा लाख टन होती है। केन्द्र से पहले से ही
साविप्र के तहत प्रदेश में पर्याप्त शकर नहीं मिल रही है। उधर मौजूदा हालत
में जहा आम शकर की आपूर्ति बाजार में कम है, इसके चलते शकर के दाम भी तेजी
से बढ़े हैं। खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री श्री जैन ने इसके दृष्टिगत फिलहाल
शकर नियंत्रण एवं लायसेंसिंग आदेश 2009 के तहत पिछले महीनों जब्त शकर का
तत्काल निदान जरूरी माना है और इसके नतीजे में 24 हजार 400 क्विंटल शकर तो
बाजार में आ ही जाएगी। शकर नियंत्रण आदेश के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों
में जब्त कुल शकर में से तयशुदा कानूनी नियमों के तहत कार्रवाई कर कोई 21
हजार 546 क्विंटल शकर अब तक छोड़ी जा चुकी है। इसके अलावा जिला कलेक्टरों
द्वारा राजसात की गई 7854.35 क्विंटल शकर, कलेक्टर न्यायालयों में
विचाराधीन 10,694 क्विंटल और अदालत में स्टे के चलते नीलाम नहीं की जा सकी
5855.85 क्विंटल शकर का निपटारा किया जाना शेष है। जिला कलेक्टरों को भेजे
निर्देशों में साफ किया गया है कि उनके न्यायालयों में विचाराधीन शकर का
तत्काल निपटारा करने के साथ ही अदालती स्टे के चलते रुकी कार्रवाई को भी
वे अपने स्तर से पहल कर तत्काल अंजाम दिलाएं। यह सारी कवायद बाजार में शकर
की उपलब्धता बढ़ाने के लिए की जा रही है।
लिए अब पिछले महीनों में जब्त शकर का जल्द निदान करने का फैसला किया गया
है। इस संबंध में खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री पारस जैन ने त्वरित कार्रवाई
की जरूरत बताई है। इसके बाद बाजार में 24 हजार 400 क्विंटल शकर उपलब्ध
होगी। संबंधित जिला कलेक्टरों को इस आशय की सूचना भेज दी गई है और वहां
ऐसी शेष शकर छोड़ी जाने का काम शुरू हो गया है। प्रदेश में शकर की मासिक
खपत 12 लाख टन से ज्यादा है और अगर सार्वजनिक वितरण प्रणाली की शकर की बात
करें तो इसकी मासिक जरूरत सवा लाख टन होती है। केन्द्र से पहले से ही
साविप्र के तहत प्रदेश में पर्याप्त शकर नहीं मिल रही है। उधर मौजूदा हालत
में जहा आम शकर की आपूर्ति बाजार में कम है, इसके चलते शकर के दाम भी तेजी
से बढ़े हैं। खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री श्री जैन ने इसके दृष्टिगत फिलहाल
शकर नियंत्रण एवं लायसेंसिंग आदेश 2009 के तहत पिछले महीनों जब्त शकर का
तत्काल निदान जरूरी माना है और इसके नतीजे में 24 हजार 400 क्विंटल शकर तो
बाजार में आ ही जाएगी। शकर नियंत्रण आदेश के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों
में जब्त कुल शकर में से तयशुदा कानूनी नियमों के तहत कार्रवाई कर कोई 21
हजार 546 क्विंटल शकर अब तक छोड़ी जा चुकी है। इसके अलावा जिला कलेक्टरों
द्वारा राजसात की गई 7854.35 क्विंटल शकर, कलेक्टर न्यायालयों में
विचाराधीन 10,694 क्विंटल और अदालत में स्टे के चलते नीलाम नहीं की जा सकी
5855.85 क्विंटल शकर का निपटारा किया जाना शेष है। जिला कलेक्टरों को भेजे
निर्देशों में साफ किया गया है कि उनके न्यायालयों में विचाराधीन शकर का
तत्काल निपटारा करने के साथ ही अदालती स्टे के चलते रुकी कार्रवाई को भी
वे अपने स्तर से पहल कर तत्काल अंजाम दिलाएं। यह सारी कवायद बाजार में शकर
की उपलब्धता बढ़ाने के लिए की जा रही है।