महंगाई पर कसेगी लगाम

गंगा नदी के फ्लोटिंग रेस्तरां से (पटना)।
दिन के करीब सवा दो बजे थे। सूरज आज से उत्तारायण है और मुख्यमंत्री नीतीश
कुमार उत्तार की तरफ सीढि़यां उतर रहे थे, अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के
साथ। ठंडी हवाओं के बीच पर्यटन निगम के एम.वी. गंगा विहार जलयान पर सवार
हुए। गंगा की थिरकती लहरों पर फ्लोटिंग रेस्तरां में कैबिनेट की बैठक हुई।
कैबिनेट की इस बैठक में 14 महत्वपूर्ण फैसले लिये गये।

करीब दो घंटे तक जलयान नदी की सतह पर तैरता रहा और उसके सजे हुए कक्ष
में मंत्रिपरिषद जन कल्याण से जुड़े प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान करती
रही। जल की सतह में हुए फैसलों की जानकारी स्थल पर दी गई। बांकीपुर क्लब
के कैम्पस में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा
जन उपयोगी, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की गंगा की हालत ठीक नहीं। हम
इसे नहाने के लायक बनायेंगे। मंत्रिमंडल ने इस आशय का संकल्प लिया है।
उन्होंने बताया कि महंगाई पर नियंत्रण के लिए मंत्रिमंडलीय समिति गठित की
गयी है। आयातित चीनी पर भी कोई शुल्क न लेने का निर्णय किया गया है।

गंगा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसका जल स्तर भी बिगड़ा है।
मगर इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार नहीं है। जल स्तर को उपयोगी बनाने के
लिए हर संभव कोशिश होगी। कार्य योजना बनेगी। विकास यात्रा के दौरान राजगीर
में पहाड़ पर कैबिनेट की बैठक हुई थी, पर्वत की रक्षा के लिए। लोगों को लगे
कि जनता सरकार के द्वार पर है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करेंगे,
इसलिए गंगा नदी में कैबिनेट की बैठक करने का निर्णय हुआ। बड़े भाई कह रहे
हैं कि लोग अंतिम समय में गंगा के किनारे जाते हैं, इस सवाल पर लालू
प्रसाद का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि पहले बड़े भाई की बारी है, उसके
बाद ही मेरा नंबर आयेगा। लोक सभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नाम के साथ जाति
का उल्लेख करने के मसले पर श्री कुमार ने कहा कि यह कांग्रेस की जातिवादी
मानसिकता का द्योतक है। प्रदेश में जब कमजोर लोगों को कुछ देने की बात
होती है कि वे हमें जातिवादी करार देते हैं। पार्टी की सोच यहीं तक सीमित
है। हमारी कोशिश है कि जाति का बंधन ढीला पड़े। पूर्वाग्रह खत्म हों और लोग
बिहारी बनें। महंगाई का ठीकरा केन्द्र सरकार के सर फोड़ते हुए उन्होंने कहा
कि केन्द्र की नीतियों के कारण महंगाई बढ़ी है। इस पर नियंत्रण रखना
केन्द्र सरकार की जिम्मेदारी है। हम सहयोग करने को तैयार हैं। केन्द्र
सरकार ने कल ही आयातित चीनी पर शुल्क माफ करने का निर्णय किया। हमने भी इस
चीनी पर वैट व दूसरे शुल्क न वसूलने का निर्णय किया है।

बाद में कैबिनेट सचिव गिरीश शंकर ने बताया कि शहरीकरण और औद्योगीकरण
के फलस्वरूप बढ़ते प्रदूषण के कारण जीवनदायिनी गंगा स्वयं अस्तित्व रक्षा
के लिए संघर्षरत है। सिंचाई, पेयजल और बढ़ती औद्योगिक प्रतिपूर्ति से गंगा
के अस्तित्व के लिए आवश्यक पारिस्थितिकी बहाव में अनवरत कमी हो रही है।
गंगाजल की गुणवत्ता बनाये रखने, प्रदूषण कोरोकने, डाल्फिन का संरक्षण और
नदी के जल स्तर को बनाये रखने के लिए मंत्रिपरिषद ने महत्वपूर्ण संकल्प
लिये गए हैैं। इसके लिए हर संभव कार्रवाई की जायेगी। जन सहयोग भी लिया
जायेगा।

उन्होंने बताया कि कीमत नियंत्रण के लिए उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार
मोदी की अध्यक्षता में की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है जो
सप्ताह में दो बैठकें कर उपाय सुझायेगी। समिति में कृषि, उद्योग, उपभोक्ता
संरक्षण व सहकारिता विभाग के मंत्री रहेंगे। कैबिनेट सचिव सदस्य सचिव
रहेंगे। कैबिनेट सचिव ने बताया कि आयातित चीनी पर दिसम्बर 2010 तक किसी
तरह का कोई शुल्क नहीं लेने तथा धान अधिप्राप्ति पर राज्य सरकार और
केन्द्र सरकार द्वारा प्रति क्विंटल 50-50 रुपये के बोनस पर भी वैट की
वसूली नहीं करने का निर्णय किया गया है। कैबिनेट ने विरासत
संरक्षण-संव‌र्द्धन के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में ‘बिहार विरासत
विकास समिति’ गठित करने का निर्णय किया है। इसमें शासी निकाय और
कार्यकारिणी समिति भी होगी।

मंत्रिपरिषद ने बिहार प्रशासनिक सेवा के पुनर्गठन के प्रस्ताव को
मंजूरी दे दी है। बिहार प्रशासनिक सेवा में अनुमंडल मजिस्ट्रेट स्तर का पद
मूल कोटि को होगा जबकि सर्वोच्च पद विशेष सचिव का होगा। विशेष सचिव के लिए
18400 से 22400 के वेतनमान में 24 पद स्वीकृत किये गये हैं। एसडीओ एवं
वरीय उप समाहर्ता स्तर के 273, उप सचिव स्तर के 176, एडीएम स्तर के 159
संयुक्त सचिव स्तर के 131 और अपर सचिव स्तर के 48 पद स्वीकृत किये गये
हैं। राजस्व सेवा में कुल 886 पद स्वीकृत हुए हैं। मूल पद पर राजस्व अंचल
निरीक्षक के 75 फीसदी पद सीधी नियुक्ति से भरे जायेंगे जबकि शेष पद स्नातक
हल्का कर्मचारियों में से सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर भरे
जायेंगे। ग्रामीण सेवा में बीपीएससी से चयन होगा। तीन साल मूल पद पर सेवा
के बाद बीडीओ या कार्यपालक दंडाधिकारी स्तर पर प्रोन्नति होगी। अधिकतम कुछ
जिलों में डीडीसी के पद तक प्रोन्नति होगी। एक अन्य प्रस्ताव को मंजूरी दी
गयी जिसमें तात्कालिक तौर पर बीडीओ के पदों को प्रतिनियुक्ति से भरा
जायेगा। इसके लिए दस साल की सेवा वाले अपुनरीक्षित 5000 से 8000 के
वेतनमान वाले या पीबी-2, 4200 ग्रेड पे के लोगों का चयन किया जायेगा।
विकास आयुक्त की अध्यक्षता में चयन समिति काम करेगी।

कैबिनेट ने कास्ट शेयरिंग के आधार पर 81.18 करोड़ की लागत पर
बिहटा-कोइलवर, सासाराम-चौसारोड और विक्रमगंज-दिनारा रेल उपरी पथ के
निर्माण को मंजूरी दी।

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