सस्पेंड नहीं सीधे बर्खास्त होंगे शिक्षक

भोपाल। बार-बार समझाने के बाद भी मनमानी करने वाले शिक्षकों को स्कूल
शिक्षा विभाग अब निलंबित कर घर बैठे वेतन नहीं देगा। अब ऐसे शिक्षकों के
खिलाफ ज्यादा सख्ती करते हुए पहले तो मौके पर ही अर्थ दंड दिया जाएगा।
इसके बाद भी रवैया न बदलने वाले शिक्षकों को फाइल फायनल कर हमेशा के लिए
घर बैठा दिया जाएगा।

लोक शिक्षण संचालनालय ने इस संबंध में सभी संभागीय एवं जिला शिक्षा
अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत किसी भी शिक्षक और
कर्मचारी को अब विभाग में निलंबित न करने का आदेश दिया गया है। रिजल्ट
सुधार मुहिम में लगातार स्कूलों का निरीक्षण कर रहे अधिकारियों से कहा गया
है कि न तो किसी को मौके पर निलंबित करें और न इसके लिए उच्च या संबंधित
कार्यालय को अनुशंसा ही की जाए। निरीक्षण के दौरान पूरा ध्यान अकादमिक
सुधार पर दिया जाए। यदि कोई शिक्षक या कर्मचारी बिना सूचना मौके पर गैर
हाजिर, लंबे समय से गायब मिलता है अथवा आने-जाने में मनमानी, कार्यस्थल
में मनमानी करते मिले या रिजल्ट में सुधार न करने का दोषी मिलता है तो ऐसे
शिक्षकों के खिलाफ मौके पर ही अर्थ दंड लगा दिया जाए। इसमें वेतन काटना,
एक या दो वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई की जाए। साथ ही ऐसे शिक्षकों की
जानकारी संचालनालय को भी भेजी जाए। निलंबन किसी भी स्थिति में न किया जाए।
नई नीति के तहत लापरवाह शिक्षकों को अधिकतम छह माह का समय दिया जाएगा। इस
दौरान डीईओ अथवा जेडी कार्यालय द्वारा लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ लगातार
नजर रखी जाएगी। साथ ही दिए गए नोटिस और चेतावनी आदि के आधार पर पूरा
रिकार्ड तैयार किया जाएगा। छह माह बाद यह फाइल संचालनालय को भेजकर ऐसे
शिक्षक के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की अनुशंसा की जाए। संचालनालय
स्तर पर भी बिना देरी किए लापरवाह शिक्षकों को तत्काल बर्खास्त किया जा
सकेगा।

डीईओ की बैठक 26 को

इस संबंध में प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों की बैठक 26
दिसंबर को डीपीआई में आयोजित की गई है। इसमें समस्त संभागीय संयुक्त
संचालक भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में इस कार्रवाई के
संबंध में आदेश की प्रति भी अधिकारियों को दे दी जाएगी। इसके साथ ही अब
रिजल्ट में सुधार के लिए उठाए जा रहे नए कदमों की भी जानकारी दी जाएगी।

मैदानी अफसरों पर शिकंजा

विभाग द्वारा अब मैदानी अफसरों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। इसमें खास
जोर ब्लाक शिक्षा अधिकारियों पर रहेगा। स्कूलों के निरीक्षण में आनाकानी
करने वाले बीईओ पर सख्ती की जाएगी। निरीक्षण की संख्या में कमी के अलावा
स्कूलों की हालत संतोषजनक न मिलने पर बीईओ पर कार्रवाई की जाएगी। ताकि
प्राचार्य और शिक्षक मुख्य परीक्षा तक केवल अध्यापन पर ध्यान दे सकें।

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