प्रचार किया जा रहा हो, परन्तु राज्य के लोग शराब पीने में नंबर- 1 बनते
जा रहे हैं। सूचना अधिकार एक्ट के तहत मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ
है कि वर्ष 2008 —09 में राज्य में इतनी शराब बेची गई, जिसका राज्य में एक
व्यक्ति के हिस्से में 11.45 बोतल आ रही हैं।
पीपल फॉर ट्रांसपेसी के प्रतिनिधि कमल आनंद की ओर से राज्य के एक्साइज
विभाग से मांगी गई सूचना में पता चला है कि वर्ष 2008— 09 में
19,26,14,142 बोतल शराब की बेची गई है। कमल आनंद बताते हैं कि यदि राज्य
की वर्ष 2009 की मतदान सूची पर नजर डाली जाए तो इस समय राज्य में कुल 1,
68,15,362 मतदाता हैं। जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है। यदि कुल बेची गई
शराब को मतदान सूची से विभाजित करें तो प्रति व्यक्ति के हिस्से 11.45
बोतल शराब आ रही है।
यदि इनमें से महिला मतदाता को निकाल दिया जाए तो प्रति व्यक्ति 22.04
बोतल हिस्से आ रही है। जबकि सच्चाई यह है कि राज्य में महिलाओं के साथ हर
व्यक्ति शराब नहीं पीता है। कमल आनंद बताते हैं कि इस हिसाब से शराब के
शौकीन प्रति व्यक्ति हिस्सा काफी अधिक है जो कि एक गंभीर विषय बन चुका है।
राज्य में शराब बेचने के लिए बनाए गए कानून की अनदेखी कर शराब पीने वालों
को शराब पीने के लिए विभिन्न तरीकों से प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसकी
मिसाल राज्य के हर ठेके से मिल सकती है।
ठेकों पर न सिर्फ शराब पीने के लिए चेतावनी जरूरी है, बल्कि 25 वर्ष से
कम आयु के व्यक्ति को शराब बेची ही नहीं जा सकती। इन नियमों को धड़ल्ले से
अनदेखा किया जा रहा है। शराब के ठेकों पर ऐसी चेतावनी तो दूर की बात,
बल्कि ठेकों को रात के समय लाईटों को सजा कर ग्राहक को ठेकों कर्ी युवा
सबसे अधिक नशे की ओर कदम बड़ा रहा है। जिसका मुख्य कारण शराब बेचने के लिए
बने कानून को सरेआम अनदेखा किया जाना है।