कोलकाता। बांग्लादेश सीमा से सटे जिलों में इन दिनों गांजे की खेती खूब
फलफूल रही है। दो दिन पहले मुर्शिदाबाद जिले के कुछ इलाकों में लाखों
रुपये मूल्य के गांजा के पेड़ों को पुलिस ने नष्ट किया है। यह तो सिर्फ एक
जिले की घटना है। इस तरह उत्तर चौबीस परगना, नदिया और उत्तर बंगाल के
मालदाह जिले में गांजा और अफीम की खेती खूब जोरों पर होने की बात सामने
आयी है। इस संबंध में पुलिस के आला अधिकारी भी अनभिज्ञता जता रहे हैं और
इस बाबत स्थानीय थानों से जानकारी लेने की बात कह रहे हैं। यहां तक कि
स्थानीय विधायक भी इस संदर्भ में कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर चौबीस परगना जिले के बागदा इलाके में
शायद ही एक घर बचा हो जहां गांजे के बड़े-बड़े पेड़ न हों। गांव वालों का
कहना है कि पहले यहां की खेतों में धान, सब्जियां और अन्य फसल लहलहाते थे
लेकिन कुछ वर्ष पहले तूफान व बाढ़ ने ऐसा कहर ढाया की किसानों की कमर ही
टूट हो गयी। खेतों में धान व अन्य फसल की ऊपज कम हो गयी। इस इलाके के
अधिकांश लोगों की जीविका खेती से चलती है ऐसी स्थिति में भुखमरी की नौबत आ
गयी। इसी मजबूरी ने गांजे की खेती को जन्म दिया है। लोगों खुलेआम बाड़ी,
झाड़ी और खेतों में गांजा की खेती कर रहे हैं। गांजा बेचने में उन लोगों को
अधिक मशक्कत भी नहीं करनी पड़ रही है। गांजा के सौदागर वहां पहुंचते हैं और
किसानों से खरीद कर लौट जाते हैं। इस संबंध में स्थानीय थाने में कार्यरत
पुलिस कर्मियों कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। लोगों का कहना है कि पुलिस
का कमीशन बंधा हुआ है। उत्तर चौबीस परगना जिले के पुलिस अधीक्षक राहुल
श्रीवास्तव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसका वे पता लगायेंगे और उचित
कार्रवाई करेंगे।