जयपुर, जासंकें : राज्य में अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य कमजोर
वर्गो के उत्थान के लिए राजस्थान अनुसूचित जाति, जनजाति वित्ता एवं विकास
सहकारी निगम लि. द्वारा चालू वित्ता वर्ष में 24 करोड़ की राशि विभिन्न
जिलों को उपलब्ध कराई गई है।
इस राशि का उपयोग अनुसूचित जाति व जनजाति के कल्याण पर जिला परियोजना
प्रबंधक कार्यालयों एवं कार्यकारी एजेंसियों के माध्यम से किया जा रहा है।
यह जानकारी आज यहां सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की प्रमुख शासन
सचिव एवं निगम की प्रशासक डॉ. मालोविका पवार ने राजस्थान अनुसूचित जाति,
जनजाति वित्ता एवं विकास सहकारी निगम लि. की सातवीं वार्षिक साधारण सभा की
बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा अनुसूचित
जाति, जनजाति, विकलांग एवं सफाई कर्मियों के आर्थिक उत्थान के लिए निरंतर
प्रयास किए जा रहे हैं। पवार ने बताया कि 2009-10 में सितंबर तक 283.48
लाख रुपए की राशि निगम को प्राप्त हो चुकी है जो कुल वसूली योग्य राशि का
58.64 प्रतिशत है। चालू वित्तीय वर्ष में मैला ढोने वाले स्वच्छकारों को
उनके घृणित कार्य से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से संचालित स्वरोजगार
योजना की क्रियान्वित भी निगम द्वारा प्रभावी ढंग से की गई है। इस योजना
में इस वर्ष अब तक 900 स्वच्छकारों को बैंकों से स्वरोजगार के लिए ऋण व
अनुदान दिलाकर पुनर्वासित किए जाने की कार्रवाई की जा चुकी है। टोंक जिले
में 225 स्वच्छकारों को विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण दिलाकर उनकी
योग्यतानुसार स्वरोजगार शुरू करवाकर लाभान्वित किया जा चुका है।