विकसित देश पैसा व तकनीक दें

नयी दिल्ली  प्रधानमंत्री
डॉ मनमोहन सिंह ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के मसले पर भारत और कदम
उठाने के लिए तैयार है, बशर्ते विकसित देशों की ओर से विकासशील देशों को
ओर्थक सहायता और तकनीक दोनों उपलब्ध करायी जाये.        कोपेनहेगन
में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भाग लेने के लिए
रवाना होने से पूर्व जारी एक वक्तव्य में उन्होंने कहा कि वह वहां
सकारात्मक चर्चाओं की उम्मीद कर रहे हैं. भारत का दृष्टिकोण है कि वैश्विक
तापमान बढ़ रहा है और यह इसी समय घटित हो रहा है. इसका असर भारत जैसे
विकासशील देशों पर सबसे अधिक पड़नेवाला है. इसीलिए विश्व समुदाय के एक
जिम्मेदार सदस्य की तरह भारत पर्यावरण की रक्षा के लिए शेष दुनिया के साथ
काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.ङ्ख दुनिया के सभी नागरिकों को समान अवसर की
वकालत करते हए उन्होंने कहा कि विकासशील देशों की गरीबी को बनाये रख कर
जलवायु परिवर्तन की समस्या को नहीं सुलझाया जा सकता. उनका कहना था कि
उन्होंने 2007 में ही घोषणा कर दी थी कि भारत प्रति व्यक्ति कार्बन
उत्सर्जन को ऐसे स्तर पर रखेगा कि वह विकसित देशों के प्रति व्यक्ति
कार्बन उत्सर्जन से कम रहे. श्री सिंह ने अपने बयान में कहा है कि भारत
वर्ष 2020 तक वर्ष 2005 की तुलना में अपना कार्बन उत्सर्जन 20 से 25
प्रतिशत तक कम करेगा. इसके अलावा भारत ने व्यापक एक  एक्शन प्लान अपनाया है.

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