लखनऊ। राज्य के 50 जिला सहकारी बैंक और करीब सात हजार प्राथमिक कृषि ऋण
सहकारी समिति के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए सहकारिता विभाग ने इनका
विशिष्ट आडिट शुरू किया है।
सूत्रों के अनुसार पैक्स और जिला सहकारी बैंकों की आर्थिक स्थिति को
बेहतर बनाने के लिए वैद्यनाथन समिति ने इनके कामकाज का हर वर्ष आडिट कराने
का निर्देश दिया था। इसके तहत इस वित्तीय वर्ष में अधिकांश सहकारी
संस्थाओं का विशिष्ट आडिट कराया। वैद्यनाथन समिति की संस्तुतियों के तहत
कराये गये विशिष्ट आडिट को लेकर 1011 सहकारी संस्थाओं ने सफाई दी। जिसमें
कहा गया कि उनके यहां आडिट में पायी गयी कमियां सही नहीं है। इन संस्थाओं
ने विभाग के अधिकारियों को दस्तावेजी सबूत देकर यह बताने का प्रयास किया
कि आडिट में पायी गयी कमियां किन वजहों से उत्पन्न हुई थी।
सहकारी संस्थाओं के प्रार्थनापत्रों में से 181 को ही अक्टूबर तक
निस्तारित किया जा सका। एटा, मैनपुरी, महोबा, चित्रकूट, सिद्धार्थनगर,
इटावा, बलरामपुर, अंबेडकर नगर, फैजाबाद, महराजगंज, सोनभद्र, मिर्जापुर,
मुजफ्फरनगर व मेरठ में किसी भी विशिष्ट आडिट प्रतिवेदन का निस्तारण नहीं
किया गया। शासन का यह स्पष्ट निर्देश है कि हर विशिष्ट आडिट प्रतिवेदन का
निस्तारण त्वरित गति से किया जाये और इसके बारे में शासन को भी अवगत कराया
जाये। फिर भी 14 जिलों ने इस मामले में घोर लापरवाही बरती और शेष अन्य
जिलों में यह कार्य बेहद सुस्ती से किया गया।