शिवसागर (रोहतास) रामरति देवी को यदि मालूम होता कि उसे वृद्धा पेंशन
का लाभ लेने के लिए विधवा बनाया जाएगा तो वह कदापि यह आवेदन न भरती। यह
सिर्फ रामरति की बात नहीं है। डाकघर ने न जाने ऐसी कितनी सुहागिनों के
खाते में विधवा पेंशन की राशि देने की अनुशंसा की है।
प्रखंड के लगभग 2500 लोगों को वृद्धा पेंशन का लाभ देने के लिए प्रखंड
से सूची उप डाकघर को उपलब्ध करायी गयी थी। जिनके खाते नौ माह पूर्व ही
खोले गये थे। इनके लिए सरकार द्वारा प्रधान डाकघर को लगभग 30 लाख रुपये
उपलब्ध कराये गये हैं। किंतु डाक अधीक्षक द्वारा शिवसागर उप डाकघर को
वृद्धा पेंशन देने हेतु उपलब्ध कराये गये पत्र में वृद्धापेंशन की जगह
विधवा पेंशन देने की अनुशंसा की गयी है। जबकि इस योजना के तहत डाकघर में
किसी का खाता नहीं खोला गया है। स्थानीय उप डाकघर के डाकपाल ने पत्र के
माध्यम से प्रधान डाकघर से दिशा निर्देश मांगा है।
इधर पेंशनधारी पेंशन के लिए नौ माह से भटक रहे हैं। उनकी सुधि लेने
वाला कोई नहीं है। इस संबंध में बीडीओ नलिन कुमार ने बताया कि उन्होंने
वृद्धापेंशन देने के लिए सूची डाकघर को उपलब्ध करा दी है। आवंटन प्रधान
डाकघर को प्राप्त होता है। जहां से सूची के अनुसार राशि वितरित कर दी जाती
है। विधवाओं के लिए लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना देने का
प्रावधान, जो दिया भी जा रहा है। डाक अधीक्षक के प्रभार में चल रहे मो.
जलील ने बताया कि इस मामले की उन्हें स्पष्ट जानकारी नहीं है।
मामला चाहे जो भी हो। पत्र की प्रासंगिकता पर कई सवाल खड़ा किये जा रहे हैं।