style="font-size: 12.5pt; font-family: Mangal">मध्यप्रदेश के जिले नरसिंहपुर के उपमंडल गदरवारा के दलित
समुदाय भुखमरी के कगार पर हैं।तथाकथित ऊंची जातियों द्वारा उनपर सामाजिक और आर्थिक
प्रतिबंध लगाकर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। कारण मात्र इतना कि दलित समुदाय
के लोगों ने मृत मवेशियों सड़े-गले अवशेष उठाने से उनकार कर दिया है।नागरिक
संगठनों के एक तथ्यान्वेषी दल का कहना है कि गदरवारा में कई जगहों पर दलित अपने
घरों में कैद हैं क्योंकि उनके निकसार के सारे रास्ते ऊंची जाति के दबदबे वाले
लोगों ने बंद कर दिए हैं।(देखें नीचे दी गई रिपोर्ट)।
मध्यप्रदेश की सरकार ने अभी इस प्रताड़ना के खिलाफ कोई कदम
नहीं उठाया है जबकि लोगों द्वारा बराबर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की शिकायतें आ
रही हैं।तथ्यान्वेषी दल की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊंची जाति के लोगों ने
गदरवारा में दलित समुदाय के लोगों को समान बेचना बंद कर दिया है।उन्हें सार्वजिनक
जगहों से पानी नहीं लेने दिया जा रहा और दलित समुदाय की महिलाओं को क्रूरतम बरताव
की धमकी दी जा रही है।गदरवारा के दलित समुदाय के लोगों को नरेगा के काम भी नहीं
दिए जा रहे, साथ ही उन्हें आवास-योजना और पेशन योजना से भी वंचित किया जा रहा
है।रिपोर्ट में कहा गया है कि सामाजिक प्रतिबंध इतना गहरा है कि बटाईदार दलित
किसानों को खेतों से फसल तक नहीं लेने दिया जा रहा।नीचे तथ्यान्वेषी दल की रिपोर्ट
के कुछ अंश दिए जा रहे हैं।
(पूरी रिपोर्ट हमारे अंग्रेजी संस्करण में उपलब्ध है। )
मध्यप्रदेश में दलितों का
सामाजिक बहिष्कार
हृदयहीन समाज – बेपरवाह प्रशासन
(नागरिक अधिकार मंच और युवा संवाद द्वारा जारी तथ्यान्वेषी
रिपोर्ट)
पिछले
तीन-तार महीनों से मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गदरवारा अनुमंडल में हालात
लगातार संगीन बने हुए हैं। गदरवारा से सटे गांवों में रहने वाले दलित समुदाय के
लोग निरंतर भय और जीवन पर खतरे की आशंका के वातावरण में जीने को बाध्य हैं। उनके
मानवाधिकार और गरिमा का हनन हो रहा है। उन पर हो रही हिंसा का एक ठोस कारण मौजूद
है। दलित समुदाय के लोगों ने ऊंची जाति के लोगों के हितों के अनुकूल काम करने से
इनकार कर दिया है और अब वे जोन गए हैं कि जुल्म क्या है और उसके खिलाफ कैसे आवाज
उठायी जाती है। सरकार कहां तो दलितों के मानवाधिकारों के हनन को रोकने के लिएकदम
उठाती और कहां आलम यह है कि सरकार खुद ऊंची जातियों के हित में चुप्पी साधे हुए
है।सरकार के इस रवैये को देखते हुए बड़ी आसानी से कहा जा सकता है कि मध्यप्रदेश
में दलितों और आदिवासियों पर सर्वाधिक क्रूरता होती है।
जिला-नरसिंहपुर, तहसील गदरवारा,प्रभावित इलाका-गदरवारा के
अहिरवार समुदाय के लोग और गदरवारा से सटे गांव के दलित,तथ्यान्वेषी दल द्वारा भ्रमण
किए गए गांव-नांदेड़,मदगुला,देवरी और टेकपुर,तारीख 7-9 नवंबर 2009, तथ्यान्वेषी दल
के सदस्य-जय भीम,मूलचंद अहिरवार,जावेद,स्कंद शुक्ला,मनोज, सत्यम,शिवकुमार,निशांत
कौशिक।
(विस्तार के लिए देखें हमारा अंग्रेजी संस्करण)