400style="font-size: 14pt; font-family: Mangal"> की तादाद में मुख्य
वैज्ञानिक अध्ययनों पर आधारित यूएन की हालिया पर्यावरण रिपोर्ट में कहा गया है कि
जलवायु परिवर्तन का खतरा पहले के अनुमानों से कहीं अधिक है।यूएनईपी क्लाइमेट चेंज
साईंस कंपेडियम 2009 की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि समुद्र तल साल 2100 तक 2
मीटर ऊँचा उठ सकता है।(देखें संबंधित रिपोर्ट की नीचे दी गई लिंक)।
रिपोर्ट में कहा गया
है कि ग्लेशियर, हिमाच्छादन और ध्रवीय प्रदेशों का नाश अनुमान से कहीं ज्यादा तेज
गति से हो रहा है।मिसाल के लिए ग्रीनलैंड के हिमाच्छादन का विगलन साल 1998 की तुलना
में 60 फीसदी ज्यादा हो रहा है।रिपोर्ट में खबरदार करते हुए कहा गया है कि जलवायु
परिवर्तन की गति और उसका विस्तार आईपीसीसी(इंटरगवर्मेंटल पैनल ऑव क्लाइमेट चेंज)
की चौथी रिपोर्ट के सबसे महत्तम अनुमान को भी मात दे सकता है।
यूएनईपी की रिपोर्ट
में वैज्ञानिक आंकड़ों, व्याख्याओं,संकल्पनाओं और निष्कर्षों की प्रस्तुति की गई
है।रिपोर्ट तकरीबन 400 नवीनतम शोध अध्ययनों को आधार बनाया गया है।इसमें कहा गया है
कि जलवायु में बदलाव की गति पहले के अनुमानों की तुलना में कहीं ज्यादा है।यूएनईपी
की यह रिपोर्ट ठीक उस वक्त आई है जब समूह 20 के देशों के नेताओं की एक दो दिनी बैठक
पेन्सिलवेनिया(पिटस्बर्ग) में हो रही है। इस बैठक को बारार ओबामा ने आहूत किया है
और इसमें जलवायु परिवर्तन एक प्रमुख मुद्दा है।
रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं की एक प्रमुख
चिन्ता समुद्र के पानी का कार्बन डायआक्साइड के अवशोषण से लगातार अम्लीय होते जाना
है।इसका दुष्प्रभाव समुद्री जीवन पर पड़ रहा है।कैलिफोर्निया के तट पर यह
दुष्प्रभाव पहले के अनुमानों से कहीं अधिक नजर आ रहा है।वैज्ञानिकों का अनुमान है
कि आने वाले सालों में भारतीय उपमहाद्वीप, सहारा और पश्चिम अफ्रीका के मानसून का
चक्र निर्णायक तौर पर बदलकर जनजीवन को प्रभावित कर सकता है।
(इस विषय पर विस्तार
से जानकारी के लिए देखें नीचे दी गई लिंक)।
http://www.unep.org/pdf/ccScienceCompendium2009/cc_ScienceCompendium2009_full_en.pdf
http://www.climatesciencewatch.org/index.php/csw/details/unep-climate-change-science-compendium/
href="http://www.uia.be/node/319023">http://www.uia.be/node/319023
http://www.unep.org/compendium2009/
http://www.sealthedeal2009.org/