रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के किसानों को सिंचाई पंपों के लिए दी जाने वाली बिजली के बिलों को निरस्त करते हुए उनसे फ्लैट रेट पर राशि लेने का फैसला किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार ने किसानों के पांच हार्स पावर तक के सिंचाई पम्पों के इस वर्ष जुलाई से सितम्बर तक के बिजली बिलों को निरस्त करने का ऐलान किया है तथा इन बिलों के बदले किसानों से फ्लैट रेट पर राशि लेने का फैसला किया है।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मंगलवार देर रात अपने निवास पर किसानों के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा के दौरान कहा कि इस वर्ष एक अक्टूबर से सिंचाई पम्पों की मीटर रीडिंग शून्य से शुरू करते हुए किसानों को कृषक जीवन-ज्योति योजना का लाभ दिया जाएगा।
इस योजना के तहत उन्हें छह हजार यूनिट तक बिजली नि:शुल्क मिलेगी तथा मंत्रिमंडल की उप समिति द्वारा विगत अक्टूबर से छह महीने की मीटर रीडिंग के आधार पर बिजली की खपत का आंकलन कर इस योजना की समीक्षा की जाएगी। समीक्षा में पूरी स्थिति स्पष्ट होगी और प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में आगे जो कुछ भी संभव होगा, जरूर किया जाएगा।
सिंह ने किसानों को बताया कि राज्य में नलकूप खनन पर कहीं कोई प्रतिबंध नहीं है, केवल जिन इलाकों में भू-जल स्तर में गिरावट और पेयजल की समस्या है, वहां के जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए स्थिति की समीक्षा कर जन-हित में निर्णय लिया जाए।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने धान के बोनस के बारे में किसानों की भावनाओं से सहमत होते हुए कहा कि उन्होंने इस संबंध में केन्द्रीय कृषि तथा खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री शरद पवार को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के किसानों की भावनाओं से अवगत कराया है।
सिंह ने कहा कि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य केन्द्र सरकार तय करती है। हमें बोनस के मामले में भी साथ मिलकर केन्द्र से आग्रह करना चाहिए।
गौरतलब है कि राज्य के किसान धान खरीदी में बोनस और रियायती बिजली की मांग को लेकर आंदोलन पर हैं। इस महीने की नौ तारीख को धमतरी जिले में किसान उग्र हो गए थे तथा इस दौरान उन्होंने यहां कई गाड़ियों में आग लगा दी थी और पुलिस दल पर पथराव किया था।