रोम(इटली) में 16 नवंबर से खाद्य सुरक्षा के मामले पर जिस तीन दिनी विश्व सम्मेलन का आयोजन हुआ उसके समापन की घड़ी आई तो सम्मेलन के भागीदारों में घोषणाओं को लेकर आपस में ही सहमति नहीं थी।सम्मेलन के अंत में जो एलान किए गए उससे असंतुष्ट लोगों में जैक्स डिओफ का भी नाम शामिल हैं और डिओफ का एलानों से असंतुष्ट होना मायने रखता है क्योंकि वे खुद यूएन के फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गनाइजेशन के मुखिया हैं। सम्मेलन में की गई घोषणाओं को लेकर डिओफ का एतराज यह था कि इनमें भुखमरी मिटाने का कोई साफ-साफ लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया।
खाद्य सुरक्षा से संबंधित विश्व सम्मेलन के एलानों में विश्व से भुखमरी के समूल सफाये की किसी अंतिम तारीख का एलान नहीं किया गया।यूएन ने कहा था कि विकासशील देशों में खेती को बढ़ावा देने के लिए सालाना 44 अरब डॉलर की सहायता मुहैया कराये जाने पर सम्मेलन में सहमति बननी चाहिए लेकिन सम्मेलन ने इस बात को एक सिरे से नकार दिया। स्वयंसेवी संस्था ऑक्सफेम ने इसकी आलोचना भी प्रस्तुत की है। (देखें नीचे दी गई लिंक)।
इससे पहले का किस्सा यह है कि वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के पास रोकड़े का टोटा खड़ा हो गया था क्योंकि उसे चंदा देने वाले राष्ट्र खुद ही अपनी वित्तीय संकट का रोना रो रहे थे और वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने एक अपील जारी की थी कि अब सरकारों ने हाथ खींच लिए तो खुद दुनिया के लोग एकजुट हों और दुनिया से भुखमरी मिटाने के लिए चंदा दें।वर्ल्ड फूड प्रोग्राम का लक्ष्य यह है कि इस साल 72 देशों के कुल 10 करोड़ भुखमरी के शिकार लोगों को दो जून भरपेट भोजन मुहैया कराया जाय।
बात सिर्फ वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के हाथ तंग होने भर की नहीं है। यूएन से संबद्ध फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन ने दुनिया के एक अरब भुखमरी के शिकार लोगों के दुःख दर्द में साझा करते हुए पिछले हफ्ते यानी रोम में होने वाले सम्मेलन के ठीक पहले एक दिन के वैश्विक भूख-हड़ताल का आह्वान किया था। इंटरनेट पर भुखमरी मिटाओ शीर्षक के इर्द गिर्द लिखी गई एक अर्जी पर हस्ताक्षर का अभियान भी चलाया गया।
रोम में हुए सम्मेलन के पीछे मुख्य तर्क वैश्विक स्तर खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई भारी बढ़ोतरी के कारण भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या में आई तेजी का था। विश्व में भुखमरी के शिकार लोगों की तादाद 1 अरब से ज्यादा हो चुकी है। विश्वव्यापी आर्थिक संकट के कारण लोगों ने नौकरियां खोयी हैं और गरीबी बढ़ रही है।
इस विषय पर विस्तार से जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक देखें-
Summit disappoints UN food chief, BBC, 16 November, 2009,
http://news.bbc.co.uk/2/hi/europe/8363555.stm
On eve of food security summit, Ban to fast in solidarity with world’s hungry
The United Nations, 13 November, 2009,
http://www.un.org/apps/news/story.asp?NewsID=32954&Cr=hunger&Cr1=
Hunger SOS to a billion, The Telegraph, 15 November, 2009,
http://telegraphindia.com/1091115/jsp/frontpage/story_11743165.jsp
World Summit on Food Security, 16-18 November, 2009, Rome, Italy,
href="http://www.fao.org/wsfs/world-summit/en/">http://www.fao.org/wsfs/world-summit/en/
Feeding the World, Eradicating Hunger, WSFS 2009/INF/2,
http://www.fao.org/fileadmin/templates/wsfs/Summit/WSFS_Issues_papers/WSFS_Background_paper_Feeding_the_world.pdf
UN agency calls for global day-long fast as symbol of war on hunger, The United Nations, 12 November, 2009,
http://www.un.org/apps/news/story.asp?NewsID=32928&Cr=hunger&Cr1=
Tracking Progress on Child and Maternal Nutrition: A survival and development priority, UNICEF (2009),
http://www.unicef.org/publications/files/Tracking_Progress_on_Child_and_Maternal_Nutrition_EN_110309.pdf