पूरे देश में गन्ने का मूल्य एक समान करने के प्रस्तावित अध्यादेश को निरस्त करने तथा गन्ने का मूल्य बढ़ाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना दे रहे किसान आरपार की लड़ाई के मूड में हैं।
धरने के दूसरे दिन भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष महेंद्र सिंह टिकैत ने कहा कि हम पीछे नहीं हटेंगे। अगर गन्ना मूल्य से संबंधित अध्यादेश संसद में आया तो हम ईट से ईट बजा देंगे। इसलिए सरकार 19 तारीख को संसद में अध्यादेश न लाए और गन्ना का समर्थन मूल्य किसानों के हितों को देखते हुए निर्धारित करे। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी चिंता की बात क्या हो सकती है कि सरकार को किसान दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। हम किसी का खजाना नहीं मांग रहे हैं, हम तो सिर्फ यह मांग कर रहे हैं कि हमारा गन्ना ले रहे हो तो उसका पैसा भी ठीक से दे दो, ताकि हम जीविका चला सकें। हमने प्रधानमंत्री के पास संदेश भेजा है कि हमें मिलने का समय दें और हमारे दर्द को समझें।
इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि यह कैसा न्याय है कि हमारे गन्ने का रेट सस्ता, चीनी महंगी और लाभ मिल मालिकों को। इतना ही नहीं मिल मालिकों पर किसानों का करोड़ों रुपया बकाया है, मगर सरकार इसे नहीं दिलवा रही है। उन्होंने कहा कि चीनी 40 रुपये किलो और गन्ना 129 रुपये कुंतल यह कैसे चलेगा?
इस मौके पर भानुप्रसाद, चंद्रपाल फौजी, मांगेराम त्यागी, हर्षवर्धन त्यागी, ऋषिपाल सिंह, सतवीर सिंह, राजपाल शर्मा, राजवीर सिंह, मांगेराम चौहान, उमर अली व राजेंद्र चौधरी आदि मौजूद थे। धरने में यूपी, उत्ताराखंड, मध्यप्रदेश,हरियाणा व पंजाब किसान शामिल हैं।