लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने हिमाचल एवं उत्तराखंड की तर्ज पर बुंदेलखंड को विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग दोहराई है। केंद्रीय योजना आयोग को 80 हजार करोड़ के पैकेज की याद फिर दिलाई है। कहा है कि सामरा कमेटी की संस्तुतियों के अनुरूप इस क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए 3,866 करोड़ की विशेष सहायता इसी साल दी जानी चाहिए।
बुंदेलखंड में ऊर्जा, सिंचाई एवं कृषि पर केंद्रीय योजना आयोग की सचिव सुधा पिल्लई के साथ सोमवार को लखनऊ में हुई समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता ने कहा कि बुंदेलखंड में ऊर्जा संबंधी ढांचागत सुधार के लिए 300 करोड़ व झुग्गी-झोपड़ियों में विद्युतीकरण के लिए 394.22 करोड़ अलग से दिया जाना चाहिए। आयोग ने आश्वासन दिया कि मदवार प्रस्ताव मिलने पर विचार किया जाएगा। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के लिए 39 हजार करोड़ की वार्षिक योजना को मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय योजना आयोग की सचिव की यह पहली लखनऊ यात्रा थी। समीक्षा का एजेंडा बुंदेलखंड की योजनाएं एवं वहां के लिए विशेष पैकेज से संबंधित था।
योजना आयोग की सचिव को बताया गया कि उत्तर प्रदेश में गंभीर बिजली संकट का असर बुंदेलखंड पर पड़ता है। ओवरलोड के कारण पारेषण व्यवस्था लड़खड़ा गई है, जिसे ठीक करने के लिए 33 केवी के 45 नये स्टेशनों की तथा 33 केवी एवं 11 केवी की 450 किलोमीटर लंबी लाइनों के आधुनिकीकरण की जरूरत है। आपूर्ति में सुधार के लिए केंद्रीय कोटे से 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली दी जानी चाहिये।