इंदौर। मध्यप्रदेश के अलग-अलग इलाकों में हफ्ते भर से जारी बारिश रबी की फसल के लिए भले ही वरदान साबित हो रही हो, लेकिन ईंट निर्माण उद्योग से जुड़े लोगों के लिए यह कुदरती कहर बन गई है। भट्टा मालिकों ने प्रदेश सरकार से सहायता की मांग की है।
मध्यप्रदेश ब्रिक्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश प्रजापति ने बताया कि प्रदेश में अकेले मालवा-निमाड़ क्षेत्र में 3500 से ज्यादा ईंट भट्टों पर जमा करोड़ों रुपए मूल्य की कच्ची ईंटें लगातार हो रही बारिश में गल कर मिट्टी का ढेर बन गई हैं। इन ईंट भट्टों से चालीस हजार लोगों की आजीविका चलती है।
उन्होंने कहा, ‘प्रदेश के कई ईंट निर्माताओं ने बैंकों और दूसरी वित्तीय संस्थाओं से कर्ज ले रखा है। साथ ही, ईंट भट्टों पर काम करने वालों को दिहाड़ी का अग्रिम भुगतान कर रखा है। ऐसे में बेमौसम बरसात से उन्हें भारी नुकसान पहुंचा है।’
प्रजापति ने बताया कि मालवा-निमाड़ क्षेत्र के इंदौर, उज्जैन, देवास, धार, खंडवा, रतलाम और खरगोन जिलों के ईंट निर्माता वर्षा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से ईंट निर्माताओं को उचित सहायता की गुहार की है।