किसानों के चार अरब बिजली कंपनी की जेब में

भोपाल। रबी की फसल की सिंचाई के लिए प्रदेश भर के किसानों ने बिजली कंपनियों को टेम्परेरी कनेक्शन के रूप में जो चार अरब रुपए जमा किए थे, किसान अब वह पैसा बिजली कंपनियों से वापस मांग रहे हैं। किसानों का तर्क है कि बरसात की वजह से जब वे बिजली का उपभोग ही नहीं करेंगे तो फिर उनका जमा पैसा वापस किया जाए।

भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत के प्रांत मंत्री रविदत्त सिंह ने कहा कि बात-बात पर बिजली बिल में अधिभार लगाने वाली और किसानों पर मुकदमा करने वाली कंपनियों को बरसात के बाद बिना बिजली का उपभोग किए बिजली का पैसा लेने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बावत सोमवार को मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग को आज एक पत्र लिखकर बारिश की वजह से ऊर्जा खपत के रूप में होने वाली बचत का पैसा किसानों को वापस करने की मांग की है।

सिंह ने पत्र में कहा है कि पूरे प्रदेश में बारिश होने की वजह से किसानों ने सिंचाई में बिजली का उपयोग करना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर टेम्परेरी कनेक्शन बिना मीटर के हैं, जिसके चलते यह कैसे जस्टीफाई किया जाएगा कि किस किसान ने कितनी बिजली का उपभोग किया है।

विदित हो कि प्रदेश भर में रबी की फसल के लिए लगभग 10 लाख किसानों ने टेम्परेरी कनेक्शन लेकर प्रति कनेक्शन के हिसाब से लगभग 4 हजार रुपया बिजली कंपनियों के पास जमा किया है जो कुल मिलाकर चार अरब के लगभग होता है। किसानों ने मांग की है कि विद्युत कंपनियां हर दिन प्रदेश के किसानों द्वारा उपभोग की जा रही बिजली खपत की रिपोर्ट मंगाए और इसकी जानकारी सरकार, आयोग तथा प्रेस को दे ताकि यह पता चल सके कि बिजली का कितना उपभोग हो रहा है और कितनी बचत हो रही है। उसी मान से किसानों का पैसा वापस किया जाना चाहिए।

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