रायपुर। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर जिले में टाटा इस्पात संयंत्र के लिए हुई जनसुनवाई को अलोकतांत्रिक बताया है तथा इस महीने की सात तारीख को क्षेत्र में जनसुनवाई कराने का फैसला किया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य चितरंजन बक्शी ने आज बताया कि बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में जिला प्रशासन ने लोहंडीगुड़ा ब्लाक में बनने वाले टाटा इस्पात संयंत्र के लिए जनसुनवाई का आयोजन किया था जिसका नाम पर्यावरण स्वीकृति लोकसुनवाई रखा गया था। जिला प्रशासन ने इस जनसुनवाई को सर्वसम्मति से स्वीकृत होने का दावा किया है, जबकि यह जनसुनवाई पूरी तरह अवैधानिक तथा अलोकतांत्रिक है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी इसका विरोध करती है।
बक्शी ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने लोहंडीगुड़ा क्षेत्र में टाटा इस्पात परियोजना से क्षेत्र के पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा इस संबंध में नियमानुसार प्रभावित क्षेत्र की जनता के समक्ष जनसुनवाई आयोजित नहीं किया बल्कि 30 किलोमीटर दूर जगदलपुर जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट की किलाबंदी कर इसका आयोजन किया गया।
उन्होंने इस जनसुनवाई को गैरकानूनी और अलोकतांत्रिक कार्रवाई बताते हुए कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने इसकी शिकायत केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश से की है। बक्शी ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा की गई जनसुनवाई में राष्ट्रीय पुनर्वास नीति 2007 के अनुसार प्रभाव मूल्यांकन तथा समाजिक प्रभाव मूल्यांकन नहीं कराया गया इसलिए यह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और इस परियोजना से प्रभावित लोगों को मान्य नहीं है।
भाकपा नेता ने बताया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और अखिल भारतीय आदिवासी महासभा ने सात नवंबर को लोहंडीगुड़ा ब्लाक में जनसुनवाई का आयोजन किया है जिसमे जनता द्वारा तैयार पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन पर जनसुनवाई की जाएगी। इस जनसुनवाई में देशभर के पर्यावरण विज्ञानी और बुध्दिजीवी शामिल होंगे।
बक्शी ने कहा कि पार्टी ने प्रभावितों को मिलने वाले मुआवजे की राशि में बढ़ोतरी, जमीन के बदले जमीन, सभी विस्थापितों को स्थाई नौकरी और कंपनी में विस्थापितों की हिस्सेदारी की मांग की थी लेकिन इसका अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन यदि बल प्रयोग कर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही करता है तब भाकपा इसके विरोध में जनहित और क्षेत्र के हित में विशाल प्रतिरोध आंदोलन शुरू करेगा।