आपदाओं से लड़ने के लिए भी जीरो टालरेंस

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। दुनिया के देश जैसे आतंकवाद से लड़ाई में ‘जीरो टालरेंस’ की बात कर रहे हैं, वैसी ही इच्छाशक्ति आपदाओं से लड़ने के लिए भी चाहिए। यहां विज्ञान भवन में जुटे देश-दुनिया के सभी वैज्ञानिक और अधिकारी इस मुद्दे पर एक मत दिखे।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान [एनआईडीएम] ने कुदरत के कहर या मानवजनित आपदाओं से लड़ने के उपाय खोजने के लिए तीन साल पहले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कांग्रेस की शुरुआत की थी। अब तीन साल बाद एनआईडीएम ने फिर तीन दिवसीय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कांग्रेस का आयोजन किया तो देश-दुनिया से काफी संख्या में विशेषज्ञों को जुटाया। खास बात यह है कि यह कांग्रेस ऐसे समय आयोजित की गई है, जब दक्षेस के सभी आठ देशों ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन आपदा प्रबंधन केंद्र [एसडीएमसी] गठित किया है। इसका मुख्यालय दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान में बनाया गया है। मौसम या खतरे के पूर्वानुमानों में सटीकता लाने के लिए दक्षिण एशियाई आपदा ज्ञान तंत्र भी स्थापित किया गया है।

बुधवार को कांग्रेस की शुरुआत के मौके पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण [एनडीएमए] के उपाध्यक्ष जनरल एन.सी. विज ने इसका लोकार्पण भी किया। यह ज्ञान तंत्र आपदाओं से बचाने के विभिन्न सुझावों और खोज रिपोर्टो को एक जगह एकत्र करने का प्लेटफार्म बनेगा। कांग्रेस का समापन 6 नवंबर को पूर्व राष्ट्रपति व वैज्ञानिक ए.पी.जे. अब्दुल कलाम करेंगे।

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