कम मिठास से होगा यूपी का गन्ना राख!

उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान राज्य में गन्ने के राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) के खिलाफ आंदोलन चलाने की तैयारी कर रहे हैं।

किसानों का कहना है कि पेराई सत्र 2009-10 के लिए वे इतनी ‘कम कीमत’ पर मिलों को गन्ने की आपूर्ति नहीं करेंगे। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता महेंद्र सिंह टिकैत और राष्ट्रीय किसान मजूदर संगठन (आरकेएमएस) के नेता वी एम सिंह की अगुआई में बरेली शहर में आज गन्ना किसान लामबंद हुए।

भाकियू नेता राकेश टिकैत ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमने तय किया है कि राज्य में कच्ची चीनी नहीं आने देंगे और ऐसी चीनी को जला दिया जाएगा।’ राज्य सरकार ने गन्ने के एसएपी में पिछले साल के मुकाबले 25 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया है।

लेकिन गन्ना किसानों को यह नाकाफी लगा और गन्ना किसान गन्ने की कीमत 280 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं। वी एम सिंह ने कहा, ‘हम इस कीमत पर मिलों को गन्ने की आपूर्ति नहीं कर सकते। चाहे हमें खेतों में तैयार खड़ी फसल को ही आग क्यों न लगानी पड़े।’

कड़वा हुआ गन्ना

जला देंगे पर मिलों को इस कीमत पर गन्ना नहीं देंगे
280 रुपये प्रति क्विंटल मांग रहे हैं गन्ने की कीमत

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