एक जनजाति जिसे दिल्ली ने बिसारा लेकिन लंदन अपनाया….


उड़ीसा के डोंगरिया कोंढ़ जनजाति के हकों की नुमाइन्दगी कर रहे जन संगठनों को जिस फैसले की उम्मीद एक साल पहले भारत के सुप्रीम कोर्ट से थी वह फैसला इस बार ब्रिटिश सरकार ने सुनाया है।ब्रिटेन की सरकार ने अपनी नामचीन कंपनियों (एफटीएसई-१००) में शुमार वेदांत रिसोर्सेज को उड़ीसा के डोंगरिया कोंढ जनजाति के मानवाधिकारों के साथ खिलवाड़ करने पर फटकार लगाई है और कहा है कि कंपनी को अपना बरताव बदलना होगा।
गौरतलब है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इसी मसले के इर्द गिर्द चल रही एक सुनवाई में साल २००८ के अगस्त में एक विवादास्पद फैसला देते हुए वेदांत रिसोर्सेज की उड़ीसा स्थित बाक्साईट-खनन परियोजना को हरी झंडी दे दी थी। 
ब्रिटिश सरकार का यह फैसला एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था की शिकायत के बाद आया है। जनजातीय अधिकारों के लिए समर्पित संस्था सरवाईवल इंटरनेशनल ने वेदांत रिसोर्सेज द्वारा उड़ीसा के नियमगिरी पहाड़ के आसपास बाक्साईट की खादान चलाने के बारे में अपनी तहकीकाती रिपोर्ट में शिकायत की थी कि इस परियोजना से जनजातीय अधिकारों पर चोट पहुंचेगी । इस शिकायत पर ब्रिटिश सरकार ने पूरे नौ महीने की तबकीकात के बाद कहा है कि वेदांत रिसोर्सेज कंपनी कोंढ जनजाति के अधिकारों का सम्मान नहीं कर रही और ना ही खादान चलाने से जनजातीय अधिकारों की संभावित हानि पर विचार करने के लिए तैयार है।
अक्तूबर महीने के दूसरे हफ्ते में जारी किए गए अपने बयान में ब्रिटिश सरकार ने माना कि वेदांत रिसोर्सेज जनजातीय अधिकारों की अनदेखी कर रही है और वह खादान चलाने से पहले कोंढ जनजाति की शिकायतों को सुनने के लिए समय रहते समुचित व्यवस्था नहीं कर पायी। ब्रिटिश सरकार का फैसला है कि कंपनी को नियमगिरी पहाड़ी इलाके में बाक्साईट की खादान चलाने से पहले अपना बरताव बदलना होगा।
गैरतलब है कि ब्रिटेन की नामचीन कंपनियों में शुमार वेदांत रिसोर्सेज ने उड़ीसा में दस लाख टन उत्पाददन-क्षमता वाली अल्युमिनियम रिफाईनरी का निर्माण किया है और कंपनी इस रिफाईनरी की कच्ची सामग्री के लिए नियमगिरी पहाड़ी इलाके में बाक्साईट की खादान लगाना चाहती है। उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से कुल ६०० किलोमीटर दूर नियमगिरी पहाड़ का इलाका विकास की मुख्यधारा से सर्वाधिक अलग थलग पड़ी जनजातियों में से एक कोंड डोंगरिया जनजाति का पारंपरिक निवास स्थान है। नियमगिरी का इलाका इस जनजाति की जीविका, पहचान और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। सरवाईवल इंटरनेशनल ने पिछले साल की अपनी तहकीकाती रिपोर्ट में नियमगिरी इलाके में वेदांत रिसोर्सेज के प्रस्तावित बाक्साईट खादान से जनजातीय अधिकारों के उल्लंघन की आशंका जतायी थी।
सरवाईवल इंटरनेशनल ने वेदांत रिसोर्सेज के मौजूदा बरताव की शिकायत करते हुए ब्रिटेन की सरकार से कहा कि नियमगिरी इलाके के बाशिन्दों के जीवन पर खादान चलाने की दिशा में हो रहे कामकाज का दुष्प्रभाव पड़ना शुरू हो गया है। लोगों को बलात उनके निवास स्थान से विस्थापित किया जा रहा है। हवाई पट्टी, सड़क और विषैले अवशिष्ट के निपटान के लिए हो रहे निर्माण कार्य के कारण इलाके के कई और गांवों को खाली कराये जाने की आशंका है जबकि कंपनी अपने निर्माण कार्य में स्थानीय लोगों की एक नहीं सुनरही।
 इस शिकायत के बाद ओईसीडी ( आर्गनाईजेशन फॉर इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) से संबद्ध देशों की बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए जरुरी व्यावसायिक आचरण का मामला मानते हुए यूके एनसीपी( ब्रिटिश सरकार की एक संस्था-नेशनल कान्टेक्ट प्वाईंट) ने शुरूआती जांच करवायी। सरवाईवल इंटरनेशनल की शिकायतों को गंभीर मानते हुए इस संस्था ने आगे की सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए वेदांत रिसोर्सेज से सफाई मांगी मगर कंपनी ने इस शिकायत के बारे में बातचीत करने से साफ मना कर दिया। कंपनी के व्यवहार को आपत्तिजनक मानकर यूके एनसीपी ने अपना जांच कार्य आगे बढ़ाया। अक्तूबर महीने का फैसला इसी जांच की नतीजा है।
वेदांत रिसोर्सेज की ज्यादातर मिल्कियत भारतीय मूल के अरबपति व्यवसायी अनिल अग्रवाल के पास है और ब्रिटश सरकार का उपर्युक्त फैसला अनिल अग्रवाल के व्यावसायिक मंसूबों के लिए  पिछले पांच महीने में तीसरा बड़ा धक्का है। पिछले जून महीने में सरवाईल इंटरनेशनल की शिकायतों को सही मानते हुए पर्यावरण-सुरक्षा से संबद्धित एक अतर्राष्ट्रीय अवार्ड से वेदांत रिसोर्सेज को आखिरी क्षणों में वंचित किया गया। अगस्त महीने में भारत के वन और पर्यावरण मंत्रालय ने भी माना था कि वेदांत रिसोर्सेज की परियोजना को मौजूदा शर्तों पर मंजूरी नहीं देनी चाहिए थी।


(डोंगरिया कोंढ़ जनजाति के हकों की हिफाजत के लिए चल रहे जनसंघर्ष, वेदांत रिसोर्सेज की खनन परियोजना से हो रहे जनजातीय अधिकारों के उल्लंघन और इसे रोकने के लिए हुए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों की विस्तृत जानकरी के लिए नीचे दिए गए लिंक्स को खोलें)


http://www.independent.co.uk/news/business/news/vedanta-attacked-over-planned-mine-in-india-1801883.html .
http://www.grain.org/seedling_files/seed-09-07-2.pdf
http://assets.survivalinternational.org/static/files/news/oecd_initial_assessment.pdf
http://www.survivalinternational.org/news/4373
http://www.survivalinternational.org/news/3305
http://www.thaindian.com/newsportal/world-news/survival-international-appeals-to-un-to-stop-bauxite-mine-in-orissa_100218391.html
http://www.survivalinternational.org/news/4678
http://www.guardian.co.uk/business/2009/aug/05/vedantaresources-india

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *