ठेका श्रमिकों की हड़ताल से मेजिया की तीसरी यूनिट भी बंद

व‌र्द्धमान, आसनसोल, कास। शिल्पांचल पिछले दो दिनों से लोडशेडिंग से परेशान है। डीवीसी का उत्पादन दूसरे दिन भी सामान्य से काफी कम होने के कारण बार-बार लोडशेडिंग हो रही है। हालांकि डीवीसी का कुल उत्पादन बुधवार की तुलना में बढ़ा है लेकिन मेजिया का उत्पादन आज और घट गया है।

डीवीसी की मुख्य उत्पादक इकाई मेजिया थर्मल में ठेका श्रमिकों द्वारा वेतन वृद्धि समेत कई मांगों को लेकर बुधवार से शुरू की गयी हड़ताल के कारण मीजिया का उत्पादन बुरी तरह से चरमरा गया है। डीवीसी के मुख्य अभियंता जेएन मिश्रा ने बताया कि बुधवार की तुलना में स्थिति में कुछ सुधार हुआ है। गुरूवार को करीब 1200 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। जिसमें मीजिया से 350 मेगावाट भी शामिल है। उन्होंने बताया कि चंद्रपुरा की दो उत्पादन इकाई चालू है, तीसरा भी जल्द चालू हो जायेगा। बोकारो में ओवरहाउलिंग के कारण एक यूनिट बंद है। जबकि दुर्गापुर में दोनों यूनिट चालू है। जल विद्युत से भी कुछ उत्पादन हो रहा है।

मीजिया के मुख्य अभियंता अमल सरकार ने बताया कि कोयला की कमी के कारण गुरुवार को तीसरा यूनिट भी बंद कर देना पड़ा। सिर्फ चार और पांच नंबर यूनिट ही चालू है। जिससे तकरीबन 350 मेगावाट उत्पादन हो रहा है। श्री सरकार ने कहा कि ठेका श्रमिकों का आरोप है कि बोकारो-चंद्रपुरा के श्रमिकों की तुलना में उनको कम मजदूरी मिलती है। लेकिन ये गलत आरोप है। इस संबंध में स्थानीय जिला प्रशासन को भी सूचित किया गया है। उन्होंने कहा कि कोयला की कमी हो जाने से उत्पादन इकाईयों को चलाना मुश्किल हो गया है।

दूसरी ओर महापर्व छठ की शुरूआत हो चुकी है और हर घंटे लोड शेडिंग से जूझ रहे शिल्पांचलवासी समझ नहीं पा रहे है कि अंधेरे के बीच आखिर किस तरह महा पर्व को मनाया जायेगा। वैसे तो दीवाली के पूर्व से ही लोडशेडिंग का सिलसिला शुरू हुआ है और विशेषकर दीपावली की रात भी अधिकांश इलाकों में घंटों लोडशेडिंग रही। महापर्व छठ के दौरान घाटों तक जाने के लिए विद्युत प्रकाश की नितांत आवश्यकता है। लेकिन विद्युत उत्पादन में कमी का सिलसिला चलता रहा तो इस वर्ष छठ व्रतधारियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

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