कोटा. भूमाफियाओं व अतिक्रमियों से मिलीभगत करने वाले वनकर्मियों की अब खैर नहीं है। ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों की सीक्रेट रिपोर्ट बनाने की तैयारी कर ली गई है। विशेष जांचदल गठित कर इन्हें सूचीबद्ध करने की योजना बनाई गई है। कुछ दिनों में ही जांच करने वाली स्पेशल टीम के सदस्य लापरवाह व मिलीभगत करने वाले कर्मचारियों की लिस्ट डीएफओ को सौंपेंगे। जो कर्मचारी जांच में दोषी पाया जाएगा, उसे हर्जाना भरना होगा।
गौरतलब है कि वनविभाग के कर्मचारियों द्वारा भूमाफियाओं तथा अतिक्रमियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है, तो अधिकांश मौकों पर उन्हें पहले ही सूचना मिल जाती है। इससे दोषी हाथ नहीं आते और अक्सर मारपीट तथा पथराव की घटनाएं हो जाती हैं। गश्तीदल के सदस्य कार्रवाई के दौरान घायल हो जाते हैं। इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए डीएफओ एसआरवी मूर्थी ने नई योजना बनाई है।
कार्रवाई के दौरान भूमाफियाओं व अतिक्रमियों को पहले से सूचना मिलना गंभीर बात है। हमारे विभाग के ही कुछ कर्मचारी उनसे मिले हुए हैं। ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों की सीक्रेट रिपोर्ट बनाई जा रही है। इसके लिए प्रत्येक रेंज में तीन सदस्यीय जांचदल गठित किया गया है। कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान होगा तो उनकी आदतों में भी सुधार होगा।
एसआरवी मूर्थी, डीएफओ
ऐसे पकड़े जाएंगे भ्रष्ट कर्मचारी
डीएफओ द्वारा हर रेंज कार्यालय में तीन सदस्यों की एक विशेष टीम बनाई गई है। टीम के सदस्यों के नाम गुप्त रखे गए हैं। ये सदस्य प्रत्येक रेंज के कर्मचारियों के कार्यकलापों के बारे में जानेंगे। अतिक्रमण व अवैध खनन के खिलाफ होने वाली कार्रवाई से पहले कौन कर्मचारी क्या करता है, इसकी जानकारी भी जुटाएंगे।
इसके अलावा जांच टोली के सदस्य अतिक्रमियों व भूमाफियाओं से आम आदमी बनकर मिलेंगे और उनकी हरकतों पर निगरानी रखेंगे। पंद्रह दिन के अंदर सभी रेंजों की जांच रिपोर्ट डीएफओ के पास पहुंचेगी। इसके बाद मिलीभगत करने वाले कर्मचारियों को सूचीबद्ध किया जाएगा।
आर्थिक नुकसान होगी सजा
विभागीय सूत्रों ने बताया कि जो कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे उनको आर्थिक दंड की सजा दी जाएगी। कार्रवाई के दौरान सरकारी संपत्ति को जो नुकसान होगा उसे भ्रष्ट कर्मचारी भरेंगे।