पानी को लेकर रावला-घड़साना, बीकानेर और जैसलमेर में चलाया जा रहा किसान आंदोलन अब पहले से अधिक उग्र होता जा रहा है। किसान नेता अनिश्चितकालीन महापड़ाव की चेतावनी देते हुए अपनी मांगे पूरी करने की मांग कर रहे हैं। इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों से आंदोलन समाप्त करने की अपील की है। इंदिरा गांधी नहर के छह बारी पानी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे बीकानेर के किसानों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। धरने पर बैठे किसानों को सांसद किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व विधायक शिवदान मेघवाल ने संबोधित किया। रावला-घड़साना के किसान आंदोलन की अगुवाई माकपा नेता हेतराम बेनीवाल, विधायक पवन दुग्गल कर रहे हैं। इधर मुख्यमंत्री ने रावला-घडसाना एवं जैसलमेर आदि क्षेत्रों मे ंपानी को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन के अगुवा नेताओं से अपील की है कि वे आंदोलन समाप्त करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब से पानी उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास किया है और आगे भी प्रयास करेगी। पानी की उपलब्धता में कोई कमी आने नहीं दी जाएगी। गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर रावला-घड़साना क्षेत्र से आए प्रतिनिधिमंडल के साथ एक बैठक में श्रीगंगानगर, बीकानेर, हनुमानगढ़ और जैसलमेर में सिंचाई के पानी को लेकर उत्पन्न हालात पर विस्तार से चर्चा की। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता हेतराम बेनीवाल और पवन दुग्गल एवं अन्य आंदोलनकारी नेता आगे आएं और पानी वितरण के कार्य में अपनी भागीदारी निभाएं। उन्होंने आश्वस्त किया कि इन क्षेत्रों में पानी के वितरण में यदि किसी तरह की कोई कमी पाई जाएगी तो उसे दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पानी की कहीं कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी वितरण की समस्या को दूर करने का काम सरकार एवं विभाग के अधिकारियों का है, परंतु यह सब पानी की उपलब्धता पर ही निर्भर है। गहलोत ने कहा कि ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि पानी छोड़ा तो जाता है पर टेल तक नहीं पहुंच पाता। उन्होंने कहा कि पानी के मसले पर जो महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं उन पर अमल करने की कोशिश की जाएगी। पानी के रेगुलेशन की समीक्षा की जाएगी। वाटर डिस्ट्रीब्यूशन कमेटी में बदलाव करना हो तो किया जाएगा।