कुरुक्षेत्र. भारतीय किसान यूनियन ने खरीद एजेंसियों पर धान के भावों में किसानों के साथ हेराफेरी करने का आरोप लगाया है।
जाट धर्मशाला में प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढुनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश की मंडियों में खरीदे जा रहे धान खरीद की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गई। गुरनाम सिंह ने कहा कि मंडियों में किसानों को धान का मूल्य 900 रुपए प्रति क्विंटल दिया गया जबकि जे फार्म 980 रुपए के काटे गए।
इस लिए बकाया रुपया किसानों को वापस दिलाया जाए। साधारण किस्म का धान भी तय मूल्य 980 की बजाय ९५क् में खरीदा गया है। इसकी सीबीआी से जांच कराई जाए। इस साल ११२१, सरबती और डुप्लीकेट बासमती को किसान आधी कीमत पर बेचने पर मजबूर हो गए हैं।
भाकियू मांग करती है कि एमआरपी मूल्य तय किया जाए और किसानों को २क्क् रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिया जाए।
धान के खरीदार गायब किसान व आढ़ती परेशान
शाहाबादx मंडी में धान के खरीदार न मिलने से किसानों व आढतियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंडी एसोसिएशन के प्रधान स्वर्णजीत ¨सह कालड़ा ने बताया कि जब आढती शैलर मालिक के पास धान बेचने के लिए जाता है तो शैलर मालिक अपना कोटा पूरा कहने की बात कहते है।
मंडी में परमल धान के खरीददार नहीं मिल रहे और किसान अपना धान औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस वर्ष जो शैलर मालिक जितना धान खरीदता है अगले सालों के लिए उसका उतना ही कोटा फिक्स किया जाए।
मंडी में 30 हजार एमटी धान आना बाकी है। मंडी में बाहर के शैलरों के लिए अधिक रिलीज आर्डर जारी किए जाए और लोकल शैलरों का कोटा बढ़ाया जाए।