सागर। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) को भ्रष्टाचार के साए से बचाने की कवायद के चलते जिले में होने वाले कार्यों की अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी कराए जाने के निर्देश जिला प्रशासन ने दिए हैं।
नरेगा के तहत होने वाले कायरें को लेकर हाल ही कलेक्टर हीरालाल त्रिवेदी द्वारा बुलाई गई एक बैठक में इस संबंध में आदेश दिए और इस सिलसिले में संबंधित अमले को जिले में अब तक 100 से ज्यादा कैमरे बांटे भी जा चुके हैं।
समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने कहा कि 10 लाख रुपए से अधिक राशि के मंजूर कार्यो की वीडियोग्राफी की एक-एक सीडी कलेक्ट्रेट, संबंधित जनपद पंचायत कार्यालय एवं ग्राम पंचायत को भी मुहैया कराई जाएगी।
उन्होंने योजना के तहत निर्धारित राशि से अधिक भुगतान करने के मामलों पर गंभीर चिंता जताते हुए निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में अधिक भुगतान की गई राशि की वसूली संबंधित अधिकारी के वेतन से की जाए।
इसके अलावा ग्राम पंचायतों में मासिक सूचना तंत्र के तहत आंकड़े अद्यतन नहीं रखने वाले ग्राम पंचायत सचिवों के वेतन में भी कटौती की जाएगी। इन निर्देशों में इस बात पर भी जोर दिया गया कि नरेगा के तहत बनाई जाने वाली सड़कों की गुणवत्ता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों के समान होनी चाहिए।
इस बात का निरीक्षण ग्रामीण यांत्रिकी विभाग और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी करें।
नरेगा के क्रियान्वयन के सिलसिले में बताया गया कि आगे से नरेगा के तहत विकास कार्य कराने के लिए ग्राम पंचायतों की समग्र योजनाएं बनाई जाएंगी, जिसमें कृषि, उद्यानिकी एवं पशुपालन संबंधी कायरें को भी शामिल किया जाएगा।
इस सिलसिले में जिले के सभी 760 ग्राम पंचायतों में कार्यशालाओं का आयोजन करके हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। नरेगा में खेल मैदान बनाने पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन कंक्रीट के मार्गो का निर्माण नहीं किया जा सकेगा।