खरसावां। प्रखंड अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में जंगली हाथियों का कहर शुरू हो गया है। गुरुवार की देर शाम दर्जनों की संख्या में पहुंचे हाथियों के झुंड ने रामगढ़ समेत आसपास के किसानों की खड़ी धान की फसल को खाने के साथ ही तहस-नहस कर दिया। इतना ही नहीं शैलेस सिंह नामक एक किसान के बागान में बने मकान व लगे आम, अमरूद, कटहल आदि फलदार पेड़ों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस दौरान स्थानीय किसानों द्वारा हाथियों को भगाने का भरसक प्रयास किया गया। लेकिन सफलता नहीं मिली। गजराजों का उत्पात घंटों जारी रहा। बाद में हाथियों का झुंड देर रात कुदरसाही, लाल बाजार व बंदिराम गांवों के किसानों की खड़ी धान फसल को रौंदते हुए आकर्षणी पहाड़ी की ओर वापस चला गया। उल्लेखनीय है कि एक माह पूर्व ही 25 हाथियों के एक झुंड ने क्षेत्र में विचरण करते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी थी। जिसके बाद से ही ग्रामीणों में हाथियों को लेकर दहशत बनी हुई है। ग्रामीण रातों को पेड़ों में मचान आदि बनाकर खेतों की निगरानी कर रहे है। बावजूद इसके गुरुवार की घटना ने क्षेत्र के किसानों को फसलों समेत अपनी सुरक्षा के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है। वहीं हाथियों के उत्पात से प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण प्रशासनिक उदासीनता को कोस रहें है। जंगली हाथियों से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र के गोंड़पुर, हांसदा, हाडीसाई, सिमला, चमरूडीह, बदिराम, चिलकु, रामगढ़, विषयागोड़ा व लाल बाजार के ग्रामीण इस समस्या से निपटने की जुगत भिड़ा रहे है।