जापानी बुखार से हजारों मौतों के बाद गांव वालों की नई पहल

गोरखपुर। पूर्वाचल के गांव वालों का अब सरकार पर से भरोसा उठता जा रहा है। पिछले दो दशक मे इस इलाके में दस हजर से ज्यादा मासूम जापानी बुखार से दम तोड़ चुके हैं। इस बीमारी पूर्वाचल के आधा दजर्न से ज्यादा जिले प्रभावित हैं। इनमें गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, संत कबीरनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर आदि शामिल हैं। नेपाल सीमा से लगे इन इलाकों में पानी का जल भराव काफी समय तक रहता है जिसके चलते जपानी बुखार हर वर्ष सैकड़ों मासूमों की जन लेता है। पिछले कई वर्षो से इस बीमारी के खिलाफ आंदोलन छेड़ने वाले डाक्टर आरएन सिंह ने अब पांच गांव को गोद लेकर जापानी बुखार के उन्मूलन की दिशा में नई पहल की है। इसके लिए जो भी संसाधन होंगे, वे अपने पेशेगत सहयोगियों के साथ-साथ जन संगठनों व गांव वालों के जरिए जुटाएंगे।

वे इन जिलों के एक-एक गांव को इस गंभीर बीमारी से मुक्त कराने के लिए गोद लेंगे और नीप ग्राम योजना लागू कर घर-घर जाकर वे सारे उपाए करेंगे जो जपानी इंसेफलाइटिस बीमारी से मुक्ति के लिए आवश्यक है। आरएन सिंह ने बताया कि बीमारी के शिकार बच्चों और लोगों का मुफ्त इलाज भी किया जएगा। नीम ग्राम योजना की शुरूआत नए साल के पहले दिन से शुरू होगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की उपेक्षा और केन्द्र की अनदेखी से आजिज आकर अब हमने निर्णय लिया है कि अब हम मासूमों की मौत के आंकड़े नहीं गिनेंगे। पांच जिलों के उन एक-एक गांव को इंसेफलाइटिस मुक्त ग्राम बनाया जएगा जहां इस गंभीर बीमारी से सबसे अधिक मौतें हुई हैं। इन गांवों को रोल माडल बनाकर यहां से इस बीमारी को जड़ से खत्म करने का प्रयास किया जएगा। कुशीनगर का सीमांत ग्राम होलिया पहला ऐसा गांव होगा जिसे नीप ग्राम का दज्र देकर पूरी तरह इंसेफलाइटिस से मुक्त कराया जएगा। इसी तरह गोरखपुर, महाराजगंज, बस्ती और संत कबीरनगर के उस गांव को चुना जएगा जहां इंसेफलाइटिस से सबसे अधिक मौते हुई हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में इस बीमारी से मासूमों को बचाने के लिए भारत सरकार को स्याही से लिखकर एक लाख से अधिक पत्र और खून से एक हजर खत लिखकर गुहार लगाई गई लेकिन उत्तर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी के अलावा किसी माननीय ने इन पत्रों का जबाब तक नहीं दिया। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी भी इस गंभीर मुद्दे को लेकर दो बार गोरखपुर आए लेकिन प्रदेश सरकार का उचित सहयोग न मिल पाने की वजह से वे भी कुछ खास कर नहीं पाए।

नीप ग्रामों में जल जनित व मच्छरजनित इंसेफलाइटिस से बचाव के उपायों के बारे में गांव के हर व्यक्ति को जागरूक किया जएगा। जल के शुद्धिकरण, हाथ धोने की प्रक्रिया आदि के बारे में उनको बताया जएगा। मेडिकल कालेज, गोरखपुर के नोडल सेंटर से सहायता लेकर मच्छरों के घनत्व व जल के नमूने आदि की जंच होगी। इंसेफलाइटिस जसे एक भी लक्षण दिखने पर ग्राम सहायक रोगी की सूचना तत्काल सूरज कुंड स्थित मुख्यालय पर देंगे। जिसे मुख्यालय तुरंतसीएमओ तक पहुंचाएगा। जलजनित इंसेफलाइटिस से बचाव के लिए इंडिया मार्क-२ हैंडपंप का जल चार घंटे धूप में रखकर शुद्ध करने की प्रक्रिया के बारे में गांव वालों को बताया जएगा। सुरक्षित पेयजल के इंतजाम के लिए इस प्रक्रिया का प्रदर्शन गांव के लोगों के सामने भी किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *