गुजरात की तर्ज पर बनेगी नई औद्योगिक नीति: रमन

रायपुर. छत्तीसगढ़ में अब नए उद्योग धंधे लगाने के इच्छुक उद्योगपतियों को महीनों-सालों तक मंत्रालय के दफ्तरों में नहीं भटकना पड़ेगा। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सोमवार को एक निजी होटल में राज्य की नई उद्योग नीति के स्वरूप से उद्योगपतियों से रूबरू हुए। डा. सिंह ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया है कि राज्य में नए उद्योग लगाने के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया में शासन और प्रशासन की ओर से होने वाली लेट लतीफी अब नहीं होगी। लेकिन उद्योगपतियों को भी शासन से सहयोग करना होगा। वन, पर्यावरण और अन्य विभागों से मंजूरी मिलने में होने वाली देरी को भी दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कई ऐसे उद्योग होते हैं जिन्हें केंद्र सरकार से मंजूरी मिलती है, इसके लिए उद्योगपतियों को दिल्ली की दौड़ लगानी पड़ती है। राज्य शासन केंद्र सरकार से भी नए उद्योगों के लिए मंजूरी दिलाने में उद्योगपतियों को मदद करेगी। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा छत्तीसगढ़ को उद्योग जगत के लिए आदर्श राज्य के रूप में पहचान दिलाने की है, ऐसी नीति बनाई जाएगी जहां आम आदमी को उद्योगों से किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। सारे उद्योग प्रदूषणरहित होंगे।

नियम कानून का पालन करने वाले उद्योगपतियों और निवेशकों को राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग मिलेगा। राज्य के औद्योगिक विकास में आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित किए जाने पर विशेष रूप से बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगपति को चाहिए कि वे आम आदमी का भरोसा जीतें। उन्हें यह महसूस कराएं कि उद्योग उनके सामाजिक और आर्थिक परिवेश के लिए बेहद जरूरी हैं। इलाके के लोगों की भागीदारी भी नए उद्योगों में होनी चाहिए। आगामी पंचवर्षीय उद्योग नीति में स्थानीय बेरोजगार और आम आदमी के हितों का ध्यान रखा गया है।

शासन की यह भी कोशिश होगी कि बाहरी निवेशकों को भूमि, पानी, बिजली और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में प्रदेश व केंद्र सरकार के स्तर पर हर संभव मदद दी जाए। राज्य के 90 प्रतिशत उद्योग सही काम कर रहे हैं, लेकिन 10 प्रतिशत उद्योगों में पर्यावरण नियमों का पालन नहीं होने के कारण आम जनता को काफी परेशानी हो रही है। मुख्यमंत्री ने कोर सेक्टर के तहत आने वाले इस्पात, बिजली, सीमेंट के उद्योगों के बारे में कहा कि राज्य में इन उद्योगों की भरमार हो गई है।

अब ये सेचुरेशन की स्थिति में आ गए हैं, इसलिए अब डाउन स्ट्रीम के उद्योगों की ओर ध्यान देने की जरूरत है। कोरबा, जांजगीर चांपा तथा रायगढ़ में 2020 तक 25 से 30 हजार मेगावाट क्षमता के ताप बिजली संयंत्र शुरू होने की संभावना है। परिचर्चा का आयोजन राज्य औद्योगिक विकास निगम, वाणिज्य और उद्योग विभाग और राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की ओर से किया गया था।

इस अवसर पर मुख्य सचिव पी. जाय उम्मेन, उद्योग सचिव पी. रमेश कुमार, सीएसआईडीसी के एमडी राजेश गोवर्धन, मुख्यमंत्री के सचिव सुबोध कुमार सिंह सहित अन्य अफसर भी शामिल थे। परिचर्चा में स्पंज आयरन, रोलिंग मिल, स्टील, बिजली, सीमेंट, चावल औरपोहा मिल, लघु उद्योग तथा सहायक उद्योग के नौ सेक्टरों के प्रतिनिधियों ने हिस्सेदारी की। साथ ही निवेशक और उद्यमी भी शामिल हुए।

उद्योगपतियों को सफेद कपड़े पहनने की सलाह

मुख्यमंत्री डा. सिंह ने प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कड़ी कारवाई करने की चेतावनी भी दी है। उन्होने उद्योगपतियों से कहा कि वे अपनी महंगी कारों से बाहर निकलकर सफेद कपड़े पहनकर निकले तब उन्हें काले धुंए का अंदाजा होगा। उन्होने कहा कि लोग मुझे अपने घरों पर गिरने वाली कोयले की यह धूल दिखाने आते हैं। यह सफेद कपड़ों पर भी जमती है। उद्योगपतियों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वे सफेद कपड़े पहनकर बाहर निकलें तभी उन्हें काले धुंए का अहसास होगा।

केबिनेट में मिलेगी आज मंजूरी

रमन मंत्रिमंडल की मंगलवार को मंत्रालय में शाम 4 बजे बैठक होगी। इसमें नई औद्योगिक नीति को मंजूरी दी जाएगी। नई औद्योगिक नीति पहली नवंबर से लागू होगी। पहली दफे यह नोटिफिकेशन के साथ जारी होगी। इसकी अवधि पांच साल के लिए होगी। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में बैठक में प्रदेश में समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी की समीक्षा भी की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *