उज्जैन. राजस्व विभाग और पंचायतों की जानकारी लेने के लिए अब न दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ेंगे और न ही सूचना के अधिकार के तहत आवेदन देने की जरूरत होगी। कम्प्यूटर पर एक क्लिक करते ही जानकारी सामने होगी। यह सुविधा इन विभागों को ऑनलाइन करने से मिलेगी। राजस्व विभाग की जानकारी ऑनलाइन करने का सॉफ्टवेयर उज्जैन में तैयार हो रहा है। इससे विभागीय कामकाज का बोझ भी कम होगा तथा खर्चे भी घटेंगे।
राजस्व विभाग और पंचायतों की जानकारी आसानी से जनता को उपलब्ध कराने तथा पारदर्शिता के लिए एनआईसी की उज्जैन इकाई में सॉफ्टवेयर तैयार हो रहा है। इकाई के प्रमुख धर्मेद्र यादव ने राजस्व अधिकारियों की मासिक समीक्षा बैठक के पत्रकों को ऑनलाइन करने का सॉफ्टवेयर बना लिया है। तहसीलों से मासिक समीक्षा पत्रक इस सॉफ्टवेयर के अनुसार तैयार होंगे।
कम्प्यूटर पर सॉफ्टवेयर में जानकारी देने से पहला लाभ यह होगा कि समीक्षा बैठक के लिए पत्रकों की कई सारी फोटो कॉपियां नहीं करानी पड़ेंगी। पत्रक जिला मुख्यालय भेजने के लिए कर्मचारी तैनात करने की जरूरत नहीं रहेगी। इंटरनेट से जानकारी कलेक्टर कार्यालय पहुंच जाएगी। शासकीय कार्यालयों द्वारा किए गए जनहित के कार्यो को भी ऑनलाइन किया जाएगा।
नागरिक इंटरनेट पर ये जानकारी हासिल कर सकेंगे। छात्रवृत्ति के आवेदन और जानकारी को भी ऑनलाइन किया जाएगा। विद्यार्थी इंटरनेट पर उपलब्ध आवेदन को भर कर संबंधित विद्यालय या कॉलेज की साइट में जमा करेंगे। इंटरनेट पर ही उन्हें स्वीकृति और छात्रवृत्ति भुगतान की जानकारी हासिल हो जाएगी। पंचायत विभाग को भी ऑन लाइन करने के लिए तैयारी की जा रही है।
इंटरनेट पर ग्राम पंचायतों, जनपद और जिला पंचायत के बारे में अद्यतन जानकारी उपलब्ध रहेगी। मसलन ग्राम पंचायत में कितनी आबादी है, क्षेत्रफल, विद्यालय, अस्पताल, सड़क आदि जानकारी रहेगी।