नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो : सरकार जल्द ही नई उद्योग नीति लाने का विचार कर रही है। इसके लिए शीघ्र एक कमेटी का गठन किया जाएगा जो राजधानी की वर्तमान औद्योगिक इकाइयों की स्थिति के बारे में सरकार को रिपोर्ट देगी। सरकार ने यह फैसला राजधानी में साफ-सुथरे एवं प्रदूषण मुक्त उद्योग स्थापित करने और उनके बेहतर मार्गदर्शन के लिए विशेष संस्थान की स्थापना करने के लिए लिया है। संस्थान के कार्य क्या होंगे यह कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही तय होगा। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बुधवार को सचिवालय में नई उद्योग नीति तैयार करने के लिए व्यापारिक संगठनों व पदाधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।
बैठक में बहुनिकाय व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री का दर्द एक बार फिर उजागर हुआ। उन्होंने कहा कि उद्योग की देखरेख करने के लिए सरकार के अतिरिक्त डीडीए की संस्था भी है जिसमें तालमेल के अभाव के कारण कई वार अवरोध पैदा होते हैं।
दीक्षित ने कहा कि राजधानी में गारमेंट्स और फर्नीचर उद्योग बड़े पैमाने पर चल रहा है। इलेक्ट्रानिक उपकरणों का उत्पादन और मरम्मत सेवा का कार्य बड़ी तेजी से बढ़ा है। हालांकि दिल्ली में उपकरणों का निर्माण छोटे पैमाने पर होता है फिर भी इसके आकर्षण में दिल्ली के आसपास के इलाकों में भारी संख्या में लोग कार्य करने को आते हैं। दिल्ली में 4647 एकड़ पर 28 तरह के उद्योग क्षेत्र स्थापित हैं। इसके अलावा चार उद्योग कांपलेक्स की देखरेख की जिम्मेवारी उद्योग विभाग और दिल्ली राज्य औद्योगिक ढांचागत विकास निगम लिमिटेड के अधीन है। बहुनिकाय इकाइयों के होने के कारण न तो बेहतर तालमेल बन पाता है और न ही औद्योगिक क्षेत्र का विकास बेहतर ढंग से हो पाता है। उन्होंने कहा कि नई उद्योग नीति बनने से दिल्ली में न केवल उद्योग को बढ़ावा मिलेगा बल्कि दिल्ली देश का एक बेहतर और साफ-सुथरा औद्योगिक क्षेत्र कहलाएगा।