पटना। मुख्य सचिव अनूप मुखर्जी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे योजनाओं की प्राथमिकता तय करें और कालबद्ध तरीके से इन्हें निपटाते हुए विकास की गति को बढ़ाएं। बचे हुए टास्क को छह माह के भीतर पूरा करें। विकास कार्यो में प्रभावकारी भूमिका अपनाएं। बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों, प्रमंडलीय आयुक्तों व विभागीय सचिवों के साथ मैराथन बैठक की। आठ-नौ घंटे चली बैठक में विभागवार योजनाओं की समीक्षा हुई, प्रगति का आकलन किया गया और बचे हुए टास्क के संबंध में निर्देश दिये गये। नीतीश सरकार के कार्यकाल के काम का अंतिम ‘मौसम’ है। इस दृष्टिकोण से इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गुरूवार को संवाद कक्ष में खुद मुख्यमंत्री इन अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक में जिलों में योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों के मद्देनजर जिलाधिकारियों ने भी परेशानियां बतायीं। विभाग की ओर से उनका तत्काल रास्ता बताया गया या फिर जल्द निदान बताया जायेगा।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा के क्रम में कहा गया कि भू-अर्जन के अभाव में अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन बाधित हो रहा है। भू-अर्जन के काम को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाये ताकि जमीन के अभाव में योजनाएं बाधित न हों। इसपर लंबी चर्चा चली। जन शिकायतों पर भी विशेष जोर रहा। करीब आधा घंटा चर्चा हुई। कहा गया कि प्राथमिकता के आधार पर समस्या का निदान करें और सूचना दें ताकि इनकी मानीटरिंग हो सके। बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिव गिरीश शंकर ने बताया कि बैठक में विकास आयुक्त नवीन कुमार ने नरेगा के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दिया, कहा कि पर्याप्त मात्रा में पैसे उपलब्ध हैं। इंदिरा आवास योजना की गति को भी बढ़ाने का निर्देश दिया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें। कब्रिस्तानों की घेराबंदी, सरकार आपके द्वार, मानवाधिकार आयोग के मामलों, मुख्यमंत्री जिला विकास योजना, सीमा क्षेत्र विकास योजना व कल्याण विभागों की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई और काम की गति बढ़ाने पर जोर दिया गया। राजस्व देने वाले वाणिज्य-कर, परिवहन, उत्पाद, निबंधन, खनन आदि विभागों की समीक्षा के क्रम में राजस्व वसूली का टास्क समय पर पूरा करने को कहा गया।