अब पंचायतों को भी बदलना होगा: जोशी

भीलवाड़ा. केंद्रीय पंचायतीराज मंत्री सीपी जोशी पंचायतों की पूरी व्यवस्था को आधुनिक बनाना चाहते हैं।

उनकी कल्पना है पंचायत में भी इंजीनियर और एमबीए जैसी योग्यता वाले युवा कमान संभालें। आईटी के जमाने में अभी चल रही व्यवस्था नाकाम-सी लगने लगी है।

डा. जोशी रविवार शाम शहर के इंदिरा गांधी सामुदायिक भवन में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के सामाजिक अंकेक्षण की समीक्षा सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विकेंद्रीकरण की सोच के साथ बनाई गई नरेगा में खामियां रह गई हैं। 56 लाख परिवार ही देश में 100 दिन की मजदूरी पूरी कर सके हैं। अंकेक्षण में दोषी मिले जनप्रतिनिधि को सजा देने से कुछ नहीं होगा।

जो दोषी हैं उन्हें सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए। उसके बाद भी नहीं सुधरे तो कानून बना ऐसे जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगा देनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को अलग-अलग हुनर का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

नरेगा में आंध्रप्रदेश से राज्य की तुलना पर डा. जोशी ने कहा कि वहां और हमारे यहां के हालात में काफी अंतर है।

प्रशासन को जिले में कम वर्षा को देखते हुए एक ही तरह के काम हाथ में लेने चाहिए। हर काम और उसका स्थान ग्राम सभा में चयनित हो। सालभर में कब क्या काम किया जाना है, इसकी रूपरेखा बननी चाहिए। जिला प्रमुख कन्हैयालाल धाकड़ ने सबका स्वागत किया।

कार्यक्रम में विधायक कैलाश त्रिवेदी, प्रदीपकुमार सिंह महावीर मौची, शिवजीराम मीणा, उप जिला प्रमुख टीसी चौधरी, नगर परिषद सभापति ओम नराणीवाल, भीलवाड़ा डेयरी अध्यक्ष छोगालाल गुर्जर, सीसीबी अध्यक्ष रामपाल शर्मा, पूर्व सांसद हेमेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।

कलेक्टरों की कमजोरियों से रहीं कमियां: सिंह

राज्य के पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री भरत सिंह ने कहा कि नरेगा योजनाओं में सामने आ रही कमियों के लिए कलेक्टर और सीईओ दोषी हैं। सरकार के निर्देशों और प्रावधान के बावजूद कोई 10 पंचायत क्षेत्रों का निरीक्षण नहीं कर रहा है।

ऐसे में सामाजिक अंकेक्षण के दौरान कमियां आना स्वभाविक है। उन्होंने कहा कि कार्यकारी एजेंसियों में भय होना आवश्यक है। प्रशासनिक खामी और लापरवाही से निरंतर निरीक्षण नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि बेमिसाल नरेगा योजना में बदनामी का ठीकरा फूट रहा है। हमने सबके सामने इसे स्वीकार भी किया है। नरेगा में मोनीटरिंग की आवश्यकता है।

सरपंच को मानदेय सरकार से मिले: राय

राष्ट्रीय नरेगा सलाहकार परिषद की सदस्य व मैग्सेसे अवार्ड विजेता अरुणाराय ने कहा कि बुराई को बाहर निकालने के लिए अंकेक्षण कार्यक्रम चलाया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसे अभियान के रूप में चलाने की बात कर रही है।
 
अंकेक्षण सरकार नहीं ग्रामीण स्वयं करे और योजनाएं भी ग्राम सभा से तैयार होकर आनी चाहिए। राय ने राज्य सरकार के सरपंचों के मानदेय बढ़ौतरी का स्वागत करते हुए इसके भुगतान की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा करने की बात कहीं। उन्होंने कहा कि पंचातय को निजी मद से भुगतान करना संभव नहीं होगा।

बीमारी से पहले हो इलाज

राज्य के पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग के डायरेक्टर राजेंद्रभाणावत ने कहा कि नरेगा की कमियां कैंसर बनें इससे पहले ही इलाज करने की आवश्यकता है। भाणावत ने कहा कि सामाजिक अंकेक्षण में सामने आई कमियां और सीख पूरे देश के लिए नई दिशा तय करेगी। उन्होंने कहा कि मालिक पैसा देता है तो हिसाब पूछने का भी उसे हक है।

नरेगा में जेसीबी से होना चाहिए काम: जाट

राज्य के वन पर्यावरण एवं खनिज मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि नरेगा में जेसीबी और मशीनों से काम करने की स्वीकृति दी जानी चाहिए। लोग पैसा देकर मशीन से काम करवा रहे हैं तो आपत्ति क्या है। अंकेक्षण के नाम से सरपंच और सचिवों में भय था।

इसमें सरपंचों को सचिवों ने ही आगे कर रखा था। उन्होंने जनप्रतिनिधियों का बचाव करते हुए खामियों के लिए अधिकारियों को दोषी ठहराया। उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई की सलाह दी। जाट ने कहा कि कलेक्टर पहले ही कार्रवाई कर देते तो अंकेक्षण में ऐसा कुछ नहीं निकलता।

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