हिन्द महासागर की परिधि में पड़ने वाले अठारह देश १४ अक्तूबर के दिन संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सहायता प्राप्त एक सुनामी एक्सरसाईज में शिरकत कर रहे हैं। गौरतलब है कि १४ अक्तूबर को वर्ल्ड डजास्टर रिडक्शन डे भी मनाया जाता है। साल २००४ में सुनामी ने अपना कहर ढाया था और इसके बाद सुनामी जैसी आपदा की पूर्व चेतावनी देने वाली एक प्रणाली खड़ी की गई थी। १४ तारीख को इस प्रणाली का पहली बार परीक्षण किया जाएगा। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र संघ की विज्ञप्ति में दी गई है।
सुनामी से संबंधित यह कवायद ठीक उस वक्त हो रही है जब पिछले महीने में समोआ में सुनामी जैसी आपदा के कारण १०० लोगों की जान जा चुकी है। यूनिसेफ के अनुसार यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि दुनिया भर में तटवर्ती इलाकों में बसने वाले लोगों को ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए सतत जागरुक रहना होगा।
साल २००४ में आये सुनामी के बाद यूनेस्को ने अपने इंटर गवर्नमेंटल ओसनोग्राफिक कमीशन(आईओसी) के माध्यम से हिन्द महासागर की परिधि में रहने वाले मुल्कों को मदद देकर सुनामी के लिए एक पूर्व चेतावनी प्रणाली खड़ी करवायी। इस प्रणाली का नाम इंडियन ओसन सुनामी वार्निंग एंड मिटिगेशन सिस्टम रखा गया है।
१४ अक्तूबर के दिन होने वाली सुनामी ड्रिल का नाम एक्सरसाईज इंडियन ओसन वेब ०९ रखा गया है। इस एकसरसाईज के द्वारा तैयार की गई चेतावनी प्रणाली की प्रभावकारिता जांची जाएगी और यह देखा जाएगा कि सुनामी की स्थिति में उससे निपटने के लिए तैयारियां किस मुकाम तक पहुंची हैं।
साल २००४ में ९.२ तीव्रता की सुनामी ने सुमात्रा और इंडोनेशिया के उत्तर-पश्चिमी तट पर तहलका मचाया था। सुनामी का कहर इसके बाद आस्ट्रेलिया से लेकर दक्षिण अफ्रीका तक महसूस किया गया।एक्सरसाईज में इसी तीव्रता की सुनामी को आधार मानकर चेतावनी प्रणाली का परीक्षण किया जाएगा।
हाल ही में आस्ट्रेलिया, भारत और इंडोनेशिया में रिजनल सुनामी वॉच प्रोवाइडर्स की स्थापना की गई है। ये केंद्र भी सुनामी से जुड़ी चेतावनी प्रणाली की जांच में भाग ले रहे हैं।
१४ अक्तूबर के दिन से शुरु होने वाले एक्सरसाईज में भाग लेने वाले देशों के नाम हैं- आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, केन्या, मेडागास्कर, मलेशिया, मालदीव, मॉरीशस, मोजाम्बिक, म्यानमार, ओमान, पाकिस्तान, सिंगापुर , श्रीलंका, तंजानिया और पूर्वी तिमूर।
जिस तरह की ड्रिल १४ अक्तूबर के दिन से शुरु हो रही है ठीक वैसी ही ड्रिल साल २००८ के अक्तूबर में भी पैसेफिक सुनामी वार्निंग एंड मिटिगेशन सिस्टम की जांच के लिए की गई थी।पूर्व चेतावनी की ऐसी प्रणाली कैरेबियाई समुद्री क्षेत्र, भूमध्यसागरीय क्षेत्र और उत्तर-पूर्वी अटलांटिक महासागर क्षेत्र में भी स्थापित की गई है।