जोधपुर। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) में पारदर्शिता लाने के तमाम प्रयासों के बीच राजस्थान के इस जिले में योजना के तहत व्याप्त गोरखधंधे का भांडाफोड़ हुआ है। यहां नाबालिग छात्रों से लेकर मृतकों तक के न सिर्फ फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए हैं, बल्कि सौ दिन की मजदूरी दिखाकर भुगतान के हजारों रुपए हजम कर लिए गए हैं।
‘भास्कर’ की पड़ताल में जिले के फलौदी तहसील की खारा ग्राम पंचायत व उसके अधीन आने वाले गांवों में फर्जी जॉब कार्ड से धांधली तथा मजदूरी का भुगतान हजम करने के एक दर्जन से ज्यादा मामले सामने आए हैं। आलम यह है कि नाबालिग स्कूली बच्चों और मृतकों के अलावा यहां कुछ अविवाहित युवकों के भी मय ‘पत्नी’ जॉब कार्ड बनाकर भुगतान लिया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिनके नाम से यह धांधली की जा रही है, उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी।
‘खारा ग्राम पंचायत में ऐसी शिकायत है तो मामले की जांच करवा लेंगे। वैसे हमें इस तरह की और जगहों से भी शिकायतें मिल रही हैं।’ – आरसी गुप्ता, जिला प्रभारी अधिकारी, नरेगा