रांची : किसानों के लिए स्वॉयल (मिट्टी) हेल्थ कार्ड बनाने की योजना में 3.75 करोड़ के घपले की पक्की आशंका के बाद मामला साबीआइ को देने की तैयारी चल रही है. विभागीय सचिव ने इस प्रोजेक्ट की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. मामले में राज्यपाल के सलाहकार जी कृष्णन ने राज्य वित्त आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष शिव बसंत से सलाह मांगी थी. श्री बसंत ने फाइल पढ़ कर अपनी नोटिंग में लिखा कि यह मामला अत्यंत ही गंभीर है. उन्होंने समेति अध्यक्ष सुनील कुमार को निलंबित करने के सुझाव के साथ-साथ स्वॉयल हेल्थ कार्ड मामले में लिखा कि इसकी जांच सीबीआइ या निगरानी से करायी जानी चाहिए. इधर विभाग में या शब्द से असमंजस की स्थिति बन गयी. इसके बाद फाइल पुन: श्री कृष्णन को भेजते हुए उनसे इस मामले में मार्गदर्शन मांगा गया है. इस पर निर्णय होते ही किसानों के साथ धोखाधड़ी का यह केस सीबीआइ के सुपुर्द कर दिया जायेगा.घपले दर घपलेस्वॉयल हेल्थ कार्ड बनाने का काम नियमों को ताक पर रख कर मेसर्स स्वास्तिक कोक प्रालि, गोपाल कांप्लेक्स रांची को दिया गया. जांच में कई चौंकानेवाले मामले सामने आये हैं. यह पाया गया कि स्वास्तिक को मिट्टी संबंधी सर्वे, मिट्टी जांच व स्मार्ट कार्ड निर्माण का कोई अनुभव नहीं है.आंकड़े शक के घेरे मेंबीएयू की प्रयोगशाला में प्रति वर्ष 10 हजार, सभी कृषि विज्ञान केंद्रों में 10 हजार व कृषि विभाग की 10 मिट्टी जांच प्रयोगशाला में 35 हजार मिट्टी जांच की क्षमता है. यह आंकड़ा 55 हजार होता है. इधर एक निजी फर्म द्वारा कुछ महीनों में ही 60 हजार से अधिक मिट्टी जांच का आंकड़ा शक के घेरे में है. |