लखनऊ। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) में मजदूरों के बैंक खातों के संचालन में ब्लाक प्रमुखों की भागीदारी समाप्त किए जाने वाली सरकार की अधिसूचना को उचित माना है। अदालत ने कहा है कि यह केन्द्र सरकार की विशेष योजना है और इसमें ब्लाक प्रमुखों की भागीदारी आवश्यक नहीं है।
पीठ ने कहा है कि केन्द्र सरकार गरीब मजदूरों को रोजगार दिए जाने के लिए इस विशेष योजना को संचालित कर रही है। इसमें पंचायती राज व्यवस्था को शामिल नहीं किया जा सकता। पीठ ने ब्लाक प्रमुखों की ओर से दायर दर्जनों याचिकाओं को एक साथ खारिज करते हुए कहा कि खाता संचालन के लिए ब्लाक प्रमुखों को हटाकर इनके स्थान पर सरकारी कर्मचारी एडीओ पंचायत को जिम्मा दिया जाना दोषपूर्ण नहीं है। विदित हो कि नरेगा के तहत मजदूरी आदि का भुगतान किये जाने के लिए खंड विकास अधिकारी व क्षेत्रीय ब्लाक प्रमुख बैंक खातों का संचालन करते थे।