पूरा गांव अंधेरे में, पर मंत्री का घर रोशन

 दमोह/हटा. बिल न भरने के कारण कृषि मंत्री डॉ.रामकृष्ण कुसमरिया के गृह गांव सकौर की बिजली कटी है, लेकिन मंत्री का घर रोशन है। इसके लिए बिजली विभाग द्वारा अलग से ट्रांसफार्मर लगाया गया है। ट्रांसफार्मर को लेकर मंत्री और विभागीय अफसरों के कथनों में विरोधाभास है। श्री कुसमारिया का कहना है कि उन्होंने निजी खर्च से यह ट्रांसफार्मर लगवाया है वहीं बिजली विभाग के अफसर कहते हैं कि यह ट्रांसफार्मर बिजली विभाग का है।
गांव के लोगों पर बिजली बिल का करीब सात लाख रुपए बकाया है। इस कारण विभाग ने 8 माह पहले ट्रांसफार्मर निकाल लिया था। सकौर में डॉ. कुसमारिया का पूरा परिवार रहता है। वे जब दमोह प्रवास पर होते हैं तो यहीं रात्रि विश्राम करते हैं।
गांव में 125 घरेलू कनेक्शन उपभोक्ता, 35 बीपीएल उपभोक्ता एवं 15 पंप चालक उपभोक्ता हैं। यहां के सुकरता अहिरवार और लाड़ली अहिरवार ने बताया कि बिजली न होने के कारण रात में ऐसा ऐसा लगता है जैसे जंगल में रह रहे हों। रात में बच्चों को घर से नहीं निकलने देते।
कई गांवों में ब्लैक आउट
बिल जमा न करने के कारण हटा क्षेत्र के कई अन्य गांवों की बिजली लंबे समय से कटी है। बड़ागांव, रसीलपुर, वर्धा, सगौनी, रोंसरा, कुलुआ, बरौदा, अंचलपुरा, इटवा छक्का आदि गांव में महीनों से अंधेरा है। हालांकि इन गांवों में 20 से 30 प्रतिशत ऐसे लोग भी हैं जो समय पर पूरा बिल जमा करते हैं, लेकिन अन्य लोगों द्वारा बिल न भरे जाने के कारण पूरे गांव की सप्लाई बंद कर दी गई।
क्या कहते हैं मंत्री और अफसर
गांव में अंधेरा और मंत्री के घरा में उजाला होने को लेकर जब डॉ. कुसमरिया से दैनिक भास्कर ने सवाल किए तो उन्होंने प्रश्नों के जवाब कई बार बदलवाए।
सवाल: क्या आपके सकोर स्थित घर में बिजली है?
मंत्री: हां। जनरेटर से जलाते हैं।
सवाल: गांव के अन्य घरों में बिजली है या नहीं?
मंत्री: उनकी बिजली कटी है।
सवाल: क्या आपके यहां ट्रांसफार्मर लगा है?
मंत्री: हां। पैसा जमा करके लगवाया है।
सवाल: क्या ट्रांसफार्मर आपके मकान की सीमा में लगा है?
मंत्री: नहीं। मकान के बाहर लगा है।
सवाल: गांव के अन्य घरों में भी बिजली जले क्या कभी आपने इसका प्रयत्न किया है।
मंत्री: हां। उनके लिए दो-तीन बार ट्रांसफार्मर रखवाया। जला डालते हैं। पैसा जमा नहीं करते।
क्या कहते हैं मंत्री और अफसर
विद्युत मंडल के उत्तर संभाग के कार्यपालन यंत्री डीपी वर्मा के जवाब।
सवाल: सकोर गांव में कितने ट्रांसफार्मर में हैं?
वर्मा: दो। एक बंद है।
सवाल: एक ट्रांसफार्मर बंद क्यों है?
वर्मा: गांव के लोगों ने बिजली का बिल जमा नहीं किया, इसलिए ट्रांसफार्मर बंद कर दिया है।
सवाल: मंत्रीजी के घर निजी अलग से ट्रांसफार्मर लगाया है?
वर्मा: नहीं। मंत्रीजी के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की।

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