रांची : राज्य सरकार की ओर से कराये गये सर्वे के अनुसार, झारखंड में छह लाख 86 हजार 593 लोगों के पास फरजी राशन कार्ड हैं. ये ऐसे लोग हैं, जिनके परिवार की सालाना आमदनी एक लाख रुपये से भी अधिक है. फिर भी पहुंच व पैरवी के बल पर इन लोगों ने बीपीएल कार्ड बनवा रखा है. इन्हीं के दबाव में आज तक इनके फरजी कार्ड रद्द नहीं हो पाये. ये हर साल करीब 150 करोड़ रुपये से ज्यादा के अनुदानित सरकारी गेहूं-चावल खा जाते हैं. इसके परिणाम स्वप बीपीएल परिवारों को राशन नहीं मिलता है. इन फरजी कार्डो को रद्द करने के लिए साल भर पहले ही सरकार को सिफारिश की गयी थी. मालूम हो कि बीपीएल परिवारों को 35 किलो चावल-गेहूं हर माह सस्ते मूल्यों पर मिलते रहे हैं. प्रत्येक कार्डधारी को 4.62 रुपये की दर से 21 किलो गेहूं और 6.15 रुपये की दर से चार किलो चावल मिलता है.