हाल में हुई जोरदार बारिश ने अन्य फसलों सहित सोयाबीन को काफी फायदा पहुंचाया है। जिससे मध्य प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन बढ़ने के आसार हैं। इसका सीधा असर सोया तेल और सोयाबीन के दामों में देखने को मिल रहा है।
सोया तेल के दाम पिछले दो हफ्तों में दस फीसदी तक गिर गए हैं। पहले बारिश की कमी से फसल को नुकसान होने का अंदेशा था। अगस्त के मध्य में सोया तेल के दाम भ्भ्क् रुपये प्रति दस किलो के स्तर पर थे जो अब घटकर भ्1क् रुपये प्रति दस किलो तक आ गए हैं। हालांकि विदेशी बाजार में आई तेजी का थोड़ा असर दिखाई दे रहा है। इसी अवधि में सोयाबीन के दाम भी फ्ख्क्क् रुपये से कम होकर ख्9म्क् रुपये प्रति क्विंटल हो गए है। तेलों में आई तेजी से इसमें भी कुछ सुधार हुआ है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि पिछले कुछ दिनों से पूरे प्रदेश में जोरदार बारिश हो रही है। पहले सूखे की वजह से सोयाबीन उत्पादन में कमी का अनुमान लगाया जा रहा था। इस बारिश की वजह से उत्पादन में काफी बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा पिछले कुछ दिनों में विदेशी बाजार भी नरमी आई थी।
इन कारणों में सोया तेल के दामों पर दबाव बना हुआ है। देश में फिलहाल आयातित सोया, पाम और सूरजमुखी तेल का कुल स्टॉक छह लाख टन है जो आने वाले त्यौहारी सीजन को देखते हुए बहुत ज्यादा नहीं है। देश में त्यौहारों के सीजन में खाद्य तेलों की मांग में ख्म्-फ्क्त्न बढ़ जाती है। सोया तेल के दामों में तेज उतार-चढ़ाव को देखते हुए कंपनियां ज्यादा स्टॉक नहीं कर रही हैं। उनके पास सोयाबीन का जरूर कुछ स्टॉक रहता है। दमानी ब्रदर्स के निदेशक राजेन्द्र दमानी ने बताया कि त्योहारों के शुरू होते ही सोयाबीन की आवक भी शुरू हो जाएगी। जिससे जहां एक ओर मांग बढ़ेगी तो दूसरी ओर कंपनियां अपना उत्पादन बढ़ा देंगी। दूसरी ओर बंपर उत्पादन की आशा है। सोयाबीन की आवक का दबाव होने के चलते आगे कुछ समय के लिए सोया तेल और सोयाबीन के दामों पर दबाव बनने की आशा है।